पृष्ठ:महादेवभाई की डायरी.djvu/२९४

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OS . “In the meantime Mr. Mc. D, has taken at one gulp the whole of the Tory Indian policy. It is not even Mr. Baldwin's Tory Indian policy, which Mc. D. has taken. Not at all; it is the Indian policy of the very heart of the Conservative Party." “मिस बीच मि० मैक्डोनल्डने हिन्दुस्तान सम्बन्धी अनुदार नीति अक ही घुटमें गले अतार लेना शुरू कर दिया है । मैक्डोनल्ड जो नीति अपनाने लगे हैं, वह बाल्डविनकी अनुदार नीति भी नहीं है। बिलकुल नहीं, वह तो अनुदार दलके हृदयमें बसी हुभी नीति है।" यह अद्धरण देकर कहने लगे कि आपने पूछा है कि सरकारके साथ असहयोग करनेके बाद क्या किया । मैं जवाव देता हूँ - "भले ही आसमान टूट पड़े, मगर हिन्दुस्तानकी अिज्जत मिट्टीमें न मिलनी चाहिये ।" 'हिन्दू' में रंगाचारीका बयान आया है। वह भी काफी कड़ा है। नरम दलवालोंके विरुद्ध : यह बात निराशा पैदा करनेवाली है कि सपू और जयकरके मिलेजुले बयानमें या शास्त्रीके बयानमें कहीं भी अिस आर्डिनेन्स राज्यके बारेमें कुछ भी नहीं कहा गया। यह समय शब्दोंको तोलते रहने या राजनीतिके खेल खेलनेका नहीं है।" पैट्रो भी कहता है कि गांधीके साथ सहयोग किये बिना किसी भी तरह नया विधान नहीं बन सकता । बापूसे पूछा कि ये रंगाचारी वगैरा आज अकाक कैसे जाग झुठे ? बापू कहने लगे- "रंगाचारी तो जिस किस्मका है ही। बहादुर आदमी जरूर है। वैसे रंगाचारी और पैट्रो दोनोंको कोी निराशा हुी होगी, अिसलिमे वे अितना बोल झुठे हैं।" वल्लभभाभी " कुछ भी हो, मैक्डोनल्ड सब निगल जायगा । और पंच फैसला भी हमारे खिलाफ ही होनेवाला है।" बापू "अभी मुझे मैक्डोनल्डसे आशा है कि वह विरोध करेगा।" वल्लभभाी-~~"नहीं जी, वह क्या विरोध करेगा! ये सब विलकुल नंगे लोग हैं।" बापू " तो भी अिस आदमीके अपने असल हैं ।" वल्लभभाभी असूल हों तो अिस तरह अनुदारोंके हाथोंमें बिक जाय ? असे देश परसे हुकूमत छोड़नी ही नहीं है।" बापू -“छोड़नी तो नहीं है, मगर अिसमें असका स्वार्थ नहीं है । सिर्फ लास्की, होरेबिन और ब्रॉकवे जैसे थोडेसे आदमियों के सिवा छोड़ना तो कोी नहीं चाहता । बेन, लीज और स्मिय वगैरा सब मैक्डोनल्ड जैसे ही हैं। २७१