पृष्ठ:महादेवभाई की डायरी.djvu/२९५

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मैं तो अितना ही कहता हूँ कि यह आदमी देशका हित देखकर अनुदारों में मिला है। अब यह आदमी पंच फैसला देनेकी बात रोके हुओं है। वह सारी जिन्दगीके असूलोंको ताकमें नहीं रख सकता।" मैं -" तो क्या मुसलमानोंको अलग मताधिकार नहीं देने देगा ?" बापू " यह तो देने देगा, लेकिन अस्पृश्योंक लिमे अलग मताधिकार वह सहन नहीं कर सकेगा।" मैं - "क्या वह सचमुच यह बात समझा भी है ?" बापू " जरूर, वह सब समझता है । जिसे साअिमन कमीशनने समझ लिया, असे क्या वह नहीं समझेगा ? वह कहेगा कि मैंने तुम्हें आर्डिनेन्स निकालने दिया, बयान देने दिया लेकिन अब मैं तुम्हारे साथ और नहीं चल सकता । भिसीलिओ असने अभी तक निर्णय रोक रखा है। होर तो कुछ भी करे तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा । झुसे तो किसी भी तरह देशको कुचलना है। जिसके लिझे मुसलमानोंको जो भी देना जरूरी होगा वह देनेको तैयार रहेगा। आज डोअील आया । मीरा बहनको स्वास्थ्य सम्बन्धी समाचार लिखनेके लिमे जो पत्रव्यवहार हो रहा था, असके बारेमें और बनावटी दाँकि बारेमें बातें करने आया था : 'मेजर भंडारीने तो पत्र रोकनेका कारण यह बताया था कि आपने पेंचिशका नाम लिया था और अिससे बाहर घबराहट हो सकती है।' वह कह गया कि जितनीसी बात न होती तो असमें रोकनेकी कोमी बात ही नहीं थी; और यह आप मानते ही हैं कि ये पत्र प्रकाशित न हों। अिसलिमे अिसमें कोी शक नहीं कि आपको कुछ भी लिखनेका हक है।' यह पेचिशकी बात भी मेजर भण्डारीको खुश करनेके अद्देश्यसे ही कही होगी। 'लीडर' में आजकल तीखे तमतमाते लेख आ रहे हैं। आज द्वैधशासन पद्धति पर कड़ा लेख है । अिस लेखका मुद्दा यह है कि ७-७३३२ कांग्रेसके साथ समझौता करना ही चाहिये । और अन्तमें The longer a compromise is delayed with what Time and Tide' has described as the strongest, best organized and most ubiquitous party in India' the more complicated will become the Indian problem." "जैसा टासिम अण्ड टासिड' कहता है कि 'हिन्दुस्तानमें सबसे ज्यादा ताकतवर, सबसे ज्यादा संगठित और सारे देशमें सबसे ज्यादा फैले हुसे 11 २७२