पृष्ठ:महादेवभाई की डायरी.djvu/२९७

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वन्द हो जायेंगे । अिसलिओ, भला हुआ टूटा जंजाल, सुखसे भजिये श्रीगोपाल ! अिस विषयमें डोजीलको आज पत्र लिखा कि : "अिस मामलेमें सरकारका क्या मिरादा है, यह जरा जान लेना चाहता हूँ और यह भी बता दीजिये कि मेरी स्थिति क्या है ।" कहा जाता है कि यह कदम भारत सरकारके हुक्मसे झुठाया गया है। बापू कहने लगे "अिन लोगोंको तो यह साबित करना है कि मैं बदमाश हूँ, दम्भी हूँ, राक्षस हूँ। यह अिन पत्रोंसे साबित करेंगे !" . " - ) " आजकल शामको धूमते वक्त अखबार पढ़नेके लिअ न हो तब 'मॉडर्न रिव्यू' पढ़ा जाता है । बापू जिन लेखों पर निशान लगा देते हैं ९-७३३२ वे पढ़नेके होते हैं। आज रमेशचन्द्र बेनर्जीका Castes in Educational Reports (fert fulcts जातिया) पढ़कर सुनाया। बापू कहने लगे यह अमूल्य लेख है। ये लोग कहाँ कहाँसे हकीकतें अिकट्ठी करते हैं ? धीरे धीरे देशमें फूट डालकर, हिन्दुओंको मुसलमानोंसे लड़ाकर, हिन्दुओंको हिन्दुओंसे लड़ाकर किस तरह यह नीति विकास पाती गयी, जिसका पृथक्करण अिस लेखमें खुब अच्छी तरह किया गया है।" वल्लभभाभी कहने लगे " अिग्लैण्डमें हिन्दुस्तानके खिलाफ सारी जनता जैसी आज ओक होकर खड़ी है, वैसी पहले कभी नहीं हुी थी।" बापू कहने लगे हिन्दुस्तानके विरुद्ध तो हमेशा अकता है, क्योंकि हिन्दुस्तान छोड़ा कि भिखारी हु । हिन्दुस्तानको पकड़े रहने में अधिकसे अधिक स्वार्थ है।" फिर बाप्प बोले- " मुझे लगता है कि जिस समय अिग्लैण्डमें हमारे जितने मित्र हैं, अतने पहले कभी नहीं थे। हिन्दुस्तानके बारेमें ज्ञान भी अन्हें पहलेसे बहुत ज्यादा है । और जैसे चीन जानेको अक टोली तैयार हुी थी और कट मरनेको तैयार हुी थी, असी तरह मिस देशके लिओ भी अक टोली तैयार हो जाय तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा । किसी दिन ये लोग घोषणा कर सकते हैं कि जितनी झुठ और भितना अन्याय होता है कि हमसे बर्दाश्त नहीं हो सकता । अिसे वन्द करो, नहीं तो हम जान दे देंगे। मैंने अपने स्विट्ललेण्डके भाषणमें तो यह बताया ही है । औसा हो तो असके लिओ बहुत लोग तैयार हो जायेंगे । लास्की जैसे तैयार न भी हों तो म्युरियल, अलेक्जेण्डर, हामीलैण्ड, अस्थर, मॉड और रॉयडन जैसे तो जरूर तैयार हो जायेंगे।" मैथ्यूने अीश्वरके बारेमें सवाल पूछे थे और अनमें कहा था कि God is Truth और God is Love के मानी यही हैं न कि God is truthful and God is Loving अीश्वर सत्य है और मीश्वर प्रेम है, जिसके मानी यही हैं न कि ओश्वर सत्यमय और प्रेमपूर्ण है ? अन्हें वापूने जवाब दिया : । २७४