पृष्ठ:महादेवभाई की डायरी.djvu/३१०

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. from the ethical standpoint if I could have resisted the temptation to take goat's milk. But the will to live was greater than the will to obey the ethical code. My views on the ethics of milk food remain unchanged. But I see that there is no effective vegetable substitute for milk. You should not give it up. "मैंने चकरीका दूध लेना अिसलिभे शुरू कर दिया कि मैंने गाय-भैसका दूध न लेनेका व्रत लिया था । शरीरके खयालसे तीनोंमें बहुत थोड़ा फर्क है। वकरीका दूध लेनेके लालचमें मैं न फँसा होता, तो नैतिक दृष्टिसे ज्यादा अच्छा या। लेकिन अक नीतिनियम पालन करनेसे मेरी जीनेकी अिच्छा ज्यादा प्रबल थी। दूधके बारेमें नैतिक दृष्टिसे मेरे विचारों में कोसी फर्क नहीं पड़ा है । मगर अभी तक दूधके बदलेमें काम देनेवाली वनस्पति खुराक कोी मिल नहीं सकी है । तुम्हें दूध नहीं छोड़ना चाहिये ।" Thomas A Kempis: This is the highest and most profitable lesson, truly to know and despise ourselves. "To think nothing of ourselves, and always to judge well and highly of others, is great wisdom and perfection. "We are all frail; but none is more frail than thyself." "Never think that thou bast made any progress until thou feel thạt thou art inferior to all." टॉमस अॅकेम्पिस : " यह सबसे झुंचा और लाभदायक पाठ है कि अपने आपको सचमुच पहचानो और असके प्रति विरक्त रहो । "अपनेको शून्य मानना और दूसरोंको हमेशा धुंचा और अच्छा समझना सबसे बड़ी समझदारी है और असीमें सम्पूर्णता है । "हम सब पामर हैं, मगर तुझ-जैसा पामर कोअी नहीं है । जब तक तु यह न समझे कि तू संबसे नीचा है, तब तक यह कभी न समझना कि तुने कोभी प्रगति की है।" ये-सिर्फ अपदेश या नीतिके वाक्य नहीं हैं, जिनमें मनोविज्ञानकी दृष्टिसे अक बड़ा सत्य भरा है। असलमें मनुष्य जितना अपनेको जानता है, अतना दूसरे किसीको नहीं जानता । अिसलिओ अपने दोष असे ज्यों ज्यों स्पष्ट दीखते जाते हैं, त्यो त्यों असे लगता जाता है कि, वे दोष दूसरेमें न भी हों; और वह भीमानदार हो तो अपनेको दूसरेसे नीचा मानता जाता है । और देखिये यह सुवर्ण वाक्य : 6 २८७