पृष्ठ:महादेवभाई की डायरी.djvu/३११

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If only thy heart were right, then every create thing would be to thee a mirror of life and a book o holy teaching. There is no creature so little and so vil- as not to manifest the goodness of God. A pure hear penetrates heaven and hell. "अगर तेरा दिल अच्छा है, तो प्राणीमात्र तेरे लिअ जीवनका आमीन और धर्मकी पुस्तक बन जायगा । अक भी प्राणी जितना छोटा या अितना बुरा नहीं है कि असमें भगवानकी भलाीके दर्शन न हों ! शुद्ध हृदय ते स्वर्ग और नरक दोनोंका पार पा सकता है।" आज अखबारों में पहलेकी पूर्तिमें और नरम दलके लोगों के जवाबमें हुआ होरका भाषण आया । वल्लभभाीने पूछा "कैसा १५-७-२३२ लगता है ? नरम दलके लोगोंकी खुशामद तो की है।" बापू --"नहीं, अिसमें कुछ नहीं। जिस भाषणमें चालाकीके सिवा और कुछ नहीं है और मुझे बड़ी निराशा होती है। मैं असे श्रीमानदार समझता था । अिस भाषणमें वह अीमानदार न रहकर चालात बन गया है।" वल्लभभाभी "पत्र लिखिये ना" बापू "पत्र लिखनेकी की बार जीमें आती है ।" शामको भिसी भाषण पर हानिमैनका लेख पढ़ा । बाघको यह लेख बहुत पसन्द आया। जिसमें हानिमैनने होरको राजनीतिक नीतिसे शून्य और बेशर्म कहा है। बापूने कहा ." यह ठीक है ।" सारा लेख पढ़कर कहने लगे " यह आदमी आजकल जोरदार लेख लिख रहा है।" हार्निमैनके वाक्य ये हैं : "He does not know when he is politically dishonest. He is not only unable to appreciate political values, he is quite innocent of any ethics in political conduct. . This speech is a shameless admission that the reservations in the Prime Minister's speech were deliberately intended to leave the way open for the scrapping of the R. T. Conference. "असे यह पता नहीं रहता कि वह कब राजनीतिक मामलोंमें वेश्रीमान बन जाता है । अितना ही नहीं कि वह राजनीतिक मूल्योंकी कद्र नहीं कर सकता, बल्कि वह जानता ही नहीं कि राजनीतिक आचरणमें नीति जैसी भी कोभी चीज होती है। अिस भाषणमें बेशर्मी के साथ यह कबूल कर लिया गया है कि प्रधानमंत्राने अपने भाषणमें जो अध्याहार रख लिये थे, वे गोलमेज "