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पृष्ठ:महादेवभाई की डायरी.djvu/३३५

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रामदासका दोष तो है ही नहीं, मगर असे भेजनेवालेका जरूर है । " सुपरिण्टेण्डेण्ट कहने लगे " अिसमें कुछ नहीं, रामदासके अफसोस करनेका कोी कारण नहीं है।" 66 मीराबहनका असा पोस्टकार्ड आया कि वे काशीमें बीमार पड़ी हैं । अनके पत्रमें अन्हें मिलनेवाली बेहद सेवाका जिक्र था अन्हें पत्र लिखा: We never know when we commit a breach of the laws that govern the body. And in nature as in human law ignorance is no excuse. Your fever therefore does not surprise me. I expect that the energetic remedy adopted by you checked the progress of malaria. Yes, at such times the services of friends become a boon and induce an early recovery. I know what lavish care is bestowed upon guests in Shiva Prasad Babu's home. I am glad you are having these sweet experiences. It makes attacks such as you had not only bearable but even a prize visitation in that they enable one to understand human nature at its best. And when it acts equally towards all and in all circumstances, it approaches the divine." "शरीर सम्बन्धी नियमोंको हम कब तोड़ते हैं, जिसका हमें पता नहीं चलता । और जो सिद्धान्त भिन्सानके बनाये कानूनके बारेमें है, वही कुदरतके कानूनके बारेमें भी है कि अशान यह कोी बचाव नहीं है । यानी तुम्हें बुखार आया है, जिस पर मुझे आश्चर्य नहीं है । तुमने जोरदार अपाय किये और अनसे मलेरियाका जोर रुक गया। जैसे समय मित्रोंकी सेवा वरदान बन जाती है और असके कारण जल्दी हम अच्छे भी हो जाते हैं। मैं जानता हूँ कि शिवप्रसाद बाबूके घरमें कैसी बढ़िया आवभगत होती है । तुम्हें ये मीठे अनुभव हो रहे हैं जिससे मुझे खुशी है । जिनके कारण जैसी बीमारी सह्य ही नहीं होती, बल्कि असमें मानव स्वभावके अच्छेसे अच्छे पहलूका अनुभव होनेके कारण वह अक आशीर्वाद भी बन जाती है । सभी हालतमें सभीको यह अनुभव समान भावसे हो, तब तो वह दिव्यताके नजदीक पहुंच जाता है । कल रातको वापसे पूछा था कि बिहलाने जो वयान प्रकाशित किया है, क्या वह काफी है ? बापू कहने लगे "नहीं, काफी नहीं है। २२-७-२३२ क्योंकि अनसे जो सवाल पूछा गया था असका जवाब नहीं है । अन्होंने यह कहा कि हमने Consultative Committee (सलाहकार समिति )से असहयोग किया है। मगर जिससे ३१४