पृष्ठ:महादेवभाई की डायरी.djvu/५८

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~ मात्रका त्याग करते हैं, क्योंकि सुनका योग सिर्फ साक्षात्कार साधनेके लिसे होता है । असकी हल्की चीजके साथ कैसे अदलाबदली की जा सकती है ?" जिस पत्रमें विभूति' शब्दके बजाय मैंने 'सिद्धि ' सुझाया। असे बापूने मंजूर नहीं किया । अच्छी तरह चर्चा करनेके बाद शुसी पर डटे रहे। बोले कि विभूतिमें सिद्धि आ जाती है । विभूतियोंका त्याग करनेके मानी हैं विभूतियोंके अपयोगका त्याग करना; और त्याग करनेका अर्थ है असके विषयमें बिलकुल बेखबर रहना, जैसे पलक हिलती रहती है और असके बारेमें हम बिलकुल बेखबर रहते हैं। सेग्युअल होरकी पुस्तक 'फोर्थ सील' असके रूसी अनुभवोंके बारेमें है। लड़ाजीके दरमियान अक सालमें रूसी भाषाका अध्ययन २९-३-३२ करके सुसने देशको सेवाके लिअ रूस जानेकी माँग की । वह गुप्त सूचना विभागके अफसरके रूपमें गया और मुल्यवान सेवा की । पुस्तकमें अस समयकी हालतका और पात्रोंका मजेदार -वर्णन है । रूसमें देशकी युद्ध सामग्रीकी अव्यवस्था देखकर असने जो कुछ लिखा है, वह अिग्लैण्ड और दूसरे किसी भी देशके बीचका भेद आज भी प्रगट करता है । रूसके सेनाविभागके भद्दे दफ्तरों, छुट्टियों के बहुत दिनों और अनिश्चित समयका जिक्र करके वह लिखता है: "कामके दिनोंमें भी बहुतसे कर्मचारी दफ्तरमें वक्त पर नहीं आते थे, अिसलिझे रूसी साथियोंसे मुलाकातका समय तय करनेमें मुझे बहुत मुश्किल पड़ती थी । अदाहरणके लि, में रूस पहुँचा, तब मुझे याद है कि सारे स्टाफके मुख्य अफसर क्वार्टर मास्टर जनरलकी असी आदत थी कि वह रातको ग्यारह बजे दफ्तरमें आता और दूसरे दिन सवेरे सात आठ बजे तक काम करता रहता । हमारे जैसोंको, जिन्हें दिनमें काम करनेकी आदत हो, असे आदमियों के साथ सहयोग करनेमें बड़ी कठिनाी हो । मुझे यह ख़याल आता कि जिन लोगोंके ये रंगढंग देखकर लंदनके मुख्य अधिकारी अिन सब बातोंके बारेमें क्या सोचेंगे । हमारे यहाँ जैसे तरीके से काम करनेवाले कर्मचारी, अच्छी तरह तालीम पाये हुओ टाअिपिस्ट, काडौंपरसे सूचियाँ तैयार करनेवाले विशेषज्ञ तथा दफ्तरके दूसरे सब कर्मचारी, जिनकी होशियारीसे लंदनका तंत्र नमुनेदार माना जाता है, अिन लोगोंके काम करनेकी बेढंगी आदतें देखकर क्या खयाल करेंगे ? रूसमें जैसे जैसे ज्यादा दिन रहा, मेरा यह विचार, जो चहुत समयसे मेरे मनमें घुलता रहता था, स्पष्ट होता गया कि हम जितनी अत्कटतासे यह लड़ाभी लड़ रहे हैं, अतनी अत्कटतासे और कोी देश नहीं लड़ रहा है । दफ्तरका रोजमर्राका काम भी महकमोंकी बद-अिन्तजामीके कारण