पृष्ठ:महादेवभाई की डायरी.djvu/५९

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. समय समयपर विलकुल बंद हो जाता था । जैसे, अक बार यह हुआ कि जिस तारके सहारे हमारे तार जाया करते थे, वह दस दिन तक बिगड़ा रहा । भिन दसों दिन मैं तो रोज की तार भेजता और वे जाते ही नहीं थे । मगर किसीको यह न सूझा कि मुझे यह तो बता दे कि क्या हुआ । जब लन्दनसे तार न मिलने लगे, तो मुझे चिन्ता होने लगी। जाँच करने पर मालूम हुआ कि तार विभागके अधिकारियोंने मुझे यह खबर अिसीलिओ नहीं भेजी कि तार न जानेका पता लगेगा, तो मुझे फिक्र हो जायगी।" रोजर केसमेण्टकी विचित्रताओंका वर्णन करते हुझे लेखक कहता है जब छायामें भी १०० डिगरी तक गरमी हो, तब भी वह आयरलैण्डकी हाथ कती मोटीसे मोटी खादी पहनता । मोजे या जूतेकी तो बात ही नहीं, और मनस्वी और झक्की अितना कि माननेमें न आये।" फिर लिखता है। मगर असके अिस तमाम लहरीपनके बावजूद, हमारे हत्यारेपनको धिक्कारनेवाले और जुल्मके खिलाफ →झनेवाले कितने ही विरले व्यक्तियोंकी पंक्तिमें उसका स्थान है । वह बीचमें न पड़ा होता, तो कांगो और पुटुमायोमें रवरके लिखे होनेवाले अत्याचारोंका कलंक बना ही रहता और वहाँके गरीब निवासियोंका अत्पीड़न और हनन जारी रहता। असमें करुण बात अितनी ही है कि १९वीं सदीके अिस डॉन क्विक्ज़ोटकी यह राय बन गयी थी कि जो जुल्म रबरके बेपारी कांगोके निवासियों पर कर रहे हैं, वही जुल्म अिग्लैंड आयलैंड पर कर रहा है । अपने मनकी अिस लहरको असने धार्मिक सिद्धान्त बना रखा था और अिसलिओ वह जैसे रास्तेमें पड़ गया कि असे राजद्रोहीकी मौत मरना पड़ा ।" रूसके जारके लिओ लेखक लिखता है " असके साथकी बातचीतमें मुझे वह अक असा विनीत और धर्मभीरु सज्जन लगा कि असोको मार डालनेका किसीको खयाल भी नहीं आ सकता । मगर असकी सार्वजनिक कारगुजारीके जो सवृत मिलते हैं, अन परसे मुझे लगता है कि असके खिलाफ काली करतूतें करनेवालेके नाते मुकदमा चलाया जा सकता था । असने अपने मित्रोंको कुर्वान कर दिया था, राजकाजमें मुश्किलसे कोी अदारवृत्ति दिखाओ होगी । सुसने राजकी वागडोर अच्छी तरह नहीं संभाली और नावको चहान पर चढ़ा दिया । अितने पर भी, असके सारे दोष स्वीकार करते हुझे भी, मुझे तो विश्वास है कि वह अच्छा आदमी था और आजके अतावले फैसलेके विरुद्ध अितिहास जबर अपील दर्ज करायेगा । कारण अितिहास दिलकी अदालतसे न्याय कराता है और दिलकी अदालतमें सस्तके तौर पर हेतुको भी कार्यके बराबर ही महत्त्व दिया जायगा । असने अपने रूसी मित्रोंको जरूर होम दिया था, मगर अपने युद्ध-मित्रोंका कभी त्याग नहीं किया । राजनीतिक क्षेत्रमें झुसने की कुलाँटें ५४