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पृष्ठ:महादेवभाई की डायरी.djvu/७८

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- हरिलालभाीने शराब पीकर किस तरह फसाद किया, अिसका वर्णन करने- वाला मनुका हृदयभेदक पत्र आया था। साथ ही उसकी मौसीके पत्रमें यह समाचार लिखा था कि मनुका रोना बन्द ही नहीं होता। अिसलि बापू और मैं अिस वेचारी लड़कीकी करुण दशाकी कल्पना कर सके । बापने उसे वात्सल्य प्रेमसे छलकता हुआ पत्र लिखा “चि० मनुड़ी, तेरा पत्र मिला। असे में दो बार पूरा पढ़ गया । तुझे घबराने की जरूरत नहीं है । हरिलालकी दुर्दशा तुने आँखों देख ली, यह बहुत अच्छा हुआ। मुझे तो सब हाल मालूम ही था। भितने पर भी हमें किसीके बारेमें आशा नहीं छोड़नी चाहिये । ीश्वर क्या नहीं कर सकता ? हरिलालमें कुछ भी पुण्य बाकी होगा, तो वह अग आयेगा । हम असकी लल्लो-चप्पो न करें । हम झूठी दया न करें और अधिकाधिक पवित्र होते चले जाय, तो असका असर इरिलाल पर भी जरूर होगा । तुझे कठोर हृदय बनाना है । हरिलालको लिख देना चाहिये कि जब तक शराब न छोड़े, तब तक यह समझ ले कि तू है ही नहीं । हम सब यह रास्ता अख्तियार कर लें, तो हरिलाल सँभल जाय । शराबीको जब बहुत आघात पहुंचता है, तब वह अक्सर अपनी कुटेच छोड़ देता है । " शादीके बारेमें तूने जो जवाब दिया है, वह मुझे पसंद आया। अिस निश्चय पर कायम रहेगी तो तेरा भला ही होगा। तू ठेठ वचपनमें तो जितनी बीमार थी कि तेरे बचनेकी आशा ही नहीं थी । अस समयकी चा की मारी सेवा और डॉक्टरके अिलाजसे तू बच गयी । लेकिन यह कहा जा सकता है कि अिस बीमारीके कारण तू पाँच साल तक तो बिलकुल बढ़ी ही नहीं । अब भी कमजोर तो है ही । बलिने तेरी सँभाल रखी है। वह न रखे तो तू जरूर बीमार पड़े। अिसलि मैं तो तेरी अम्रमेंसे कमसे कम पाँच साल हमेशा घटा देता हूँ । हमने तो स्त्रियोंक विवाहका समय जल्दीसे जल्दी २१ वर्षका माना है । अिसलिझे तूने जो अम्र गिनी है, वह ठीक है। २५वाँ वर्ष में मुश्किलसे शादीके लायक मानता हूँ। मगर मुझे तुझे बाँध नहीं लेना है। यह अितना ही बतानेको लिखा है कि, आज जो तेरे विचार हैं वे ठीक है । रामीने पहले शादी करनेका आग्रह किया, तो मैंने असमें रुकावट नहीं डाली। हाँ, अितनीसी अनमें असका विवाह करना मुझे जरा भी पसन्द नहीं आया। तेरे लिओ तो जल्दी शादी न करनेके बहुतसे कारण हैं । श्रीश्वर तेरा निश्चय कायम रखे । अभी तो खुब पड़ । शरीर मजबूत बना और गीताजी जो धर्म सिखाती हैं, असे समझ और असीके अनुसार आचरण कर । मैं पास नहीं था अिसलिले आजके पत्रोंकी सूची वल्लभभाभीसे बनवामी। कागजके टुकड़ेमेंसे आधा खाली रह गया, असे वल्लभभाीने काट लिया और 1 "