पृष्ठ:महादेवभाई की डायरी.djvu/९६

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- रविवारको बापू तीन बजे मौन लेते हैं। अिसलि किसी कर्मचारीको मिलना जुलना हो, तो रवि और सोम दोनों दिन अमुक समय १०-४-३२ तो दिनकी बातोंके लिझे रहता ही है । आज तीनमें दो चार मिनट बाकी थे । अिसलि वल्लभभाभी कहने लगे अब पाँच मिनट रहे हैं। आपको जो कुछ सौंपना या लिखना हो सो कर डालिये।" मैंने कहा- " आप अिस तरह बोल रहे हैं जैसे वसीयत करनेको कह रहे हों।" बापू कहने लगे. " लो तो कह ही हूँ, कोी भूलचूक हुी हो तो माफ करना।" यह कहकर खिल-खिलाकर हँस दिये । वे अपने किये हुओ विनोदपर नहीं हँसे थे, बल्कि अक मधुर स्मरणने अन्हें हँसाया था। वह खुद अन्हींने कह सुनाया - "या बेचारी कहने लगी- भूलचूक हुी हो तो माफ कीजियेगा।" वल्लभभाीको पता न था, अिसलिअ पृछा. -"काकी बात है ?" " अरे, मुझे पकड़नेके लिअ आये तभीका तो जिक्र है। आँखोंसे आँस पड़ रहे हैं और कहती हैं -'भूलचूक माफ कीजियेगा'। अस बेचारीको तो यह लगा होगा कि अब अिस जन्ममें मिलना होगा या नहीं और माफी माँगे बिना मर गये तो फिर क्या होगा ?" सब ग्विलखिला झुठे । टॉमस हार्डीने Some Crusted Characters (सम कस्टेड केरेक्टर्स ) के नामसे कुछ चरित्र चित्रण किये हैं । असा अक पात्र नासिकमें मिला था। वह बंगाली रसोअिया या । बरमी, मद्रासी और अंग्रेजी बोलता था । सातवीं बार सजा. पाकर आया था । भोवी था । अव अिस मालामें यहाँका सोमा जुइता है । वह साबित कर देता है कि अमीर बननेके लिभे रुपया नहीं चाहिये । वह ठाकरहा है, घर पर मुश्किलसे दो बीघे जमीन होगी। मार वह अमीर है । चलाळा नामके गाँवका है। कहता-रूभी तो बढ़िया चलाळेकी, तुअरकी दाल अत्तमसे अत्तम वहाँकी, अनार भी वहींका । धोलकाका नाम फजूल ही हो गया है। धोलकाके अनार! धोलकाके अनार! धोलकामें कोन अनार पकानेवाला बैठा है ? यह नो छूटकर चलाळे पहुंचे, तब बतायूँ कि चलाळेमें कैसे अनार होते हैं । चलाळेके बाद अभिमानको जगहोंमें दूसरा नम्बर गुजरातका आता है। 'अिस महाराष्ट्रमें क्या है ? पत्थर । कहाँ हमारा गुजरात और कहाँ महाराष्ट्र ! देखिये तो अिस मारतिको । वार्डर बन गया है, डफोरसंख जैसा है। कैरी छीलने तीन बार बैठा, मगर अभी तक यह नहीं समझता कि छुरी कैसे पकड़ते हैं। अिनकी बोली भी कैसी है ? अिकडे तिकड़े ! रसोभी बनाना मुझसे सीखा, मगर वह असा नहीं मानता। आप ही बताभिये : कढ़ीमें कहीं शकर पड़ती होगी ? गुड़ डाला जाता है । दाल न गले तो यह नहीं कहेगा कि मेरे हाथसे सोडा कम गिरा! कहेगा वल्लभवापाने सोडा कम दिया था!' रूभी साफ करने बैठा ८९