- जन कि यह निशान नहीं चाहिये, अिसे निकाल डालो । वह बेचारा असे लेकर निकालने जा रहा था, मगर मुझे बरामदेमें बैठा देखा तो पूछने लगा "यह जेलर कहता है सो सच है ? यह 'हाअिफन' नहीं चाहिये ?” मैं सा और अससे बोला " जेलर तुमसे ज्यादा अच्छी अंग्रेजी जानता होगा ।" बापूने कहा " यह बात ठीक है। हाअिफन निकाल डालो, वह नहीं चाहिये । वह चला गया तो बापू कहने लगे ---- "तुम्हारे जवाबमें सत्यका कितना ज्यादा भग था ? अस बेचारेको पता ही न चले कि तुम क्या उत्तर देना चाहते हो । अगर तुम यह कहना चाहते थे कि जेलर तुमसे अंग्रेजी कम जानता है, मगर असका अनुभव ज्यादा है अिसलिभे असकी बात माननी चाहिये, तो भाव विरुद्ध ही था । अगर यह कहना था कि असकी बात नहीं माननी चाहिये, तो साफ कह सकते थे। तुमने तो 'नरो वा कुंजरो वा' वाली बात कर दो।" मैं चुपचाप सुनता रहा । सारी आलोचना ठीक ही थी। आज अक पत्र लिखवाना था । अस वक्त मैं कात रहा था। अिसलिओ बापूने कहा "अिसका कातना तो हरगिज नहीं छुड़वाया जा सकता । वल्लभभाभी कहने लगे " मुझे लिखवाअिये ।" बापूने कहा ."भले ही लिखिये, आप पर मुझे दया आयेगी यह न समझिये ।" लिस्यवाया । मगर शामको अिससे भी सख्त काम बापूने वल्लभभाभीको सौंप दिया। आकाशदर्शन पर जो ओक लम्बा भव्य लेख आश्रमके लिअ भेजा जानेवाला था, उसकी अक नकल कैम्प जेलमें और स्त्रियोंकी जेलमें रहनेवाले आश्रमवासियोंको भेजनेकी अिजाजत बापूने ले ली थी। अिसलिमे अब अिन लेखोंकी नकल करनेका काम बढ़ गया। अक नकल तो कल मैंने की थी । लेकिन आज दूसरी नकल कैम्प जेलके लिओ करनी थी । मैं किसी काममें था । बापुको जरा परेशानी हुी । मैंने रातको असकी दूसरी नकल करके सोनेका निश्चय कर लिया था। मैंने वापसे कह भी दिया था "मैं नकल कर डालूंगा।" मगर बापू कहने लगे "वल्लभभाभी क्यों न करें ? अिन्हें हो सौंपा जाय ।" वल्लभभाभी तुरन्त बैठ गये । कोसी घण्टाभर अन्हें हुआ होगा । मैंने बापूसे कहा- “जो अक पत्र लिखने में भी झुकता जाते हैं, अन्हें यह काम किस लिओ सौंप दिया ?" बापू थक जायेंगे तो छोड़ देंगे।" वल्लभभाीके लिअ सचमुच यह नया अनुभव या । अनके लिओ 'अल्पोक्ति' 'अतन्द्रित' जैसे शब्द और वाक्य अपरिचित कठिन भुच्चारणवाले थे । वे पूछते गये और आग्रहपूर्वक काम पूरा करके ही सोये ! वल्लभभाभीकी भलमनसाहत पग पग पर देखनेको मिलती है । और जिस प्रेमले कहने लगे <S