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पृष्ठ:महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली खंड 4.djvu/१०५

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जापान की जीत का कारण / 101 समुद्र पार कर जाना जापानी लोग अपने और अपने देश के लिए गौरव समझते हैं; पर समुद्र पार कर जाना हिन्दुस्तानियों के लिए पात्र है, क्योंकि उनका धर्म जाता रहता है । जापान में जाति-भेद का बहुत ही कम विचार है; हिन्दुस्तान में जाति-भेद का सबसे अधिक विचार है । जापान में सब लोग परस्पर शादी विवाह करते है, हिन्दुस्तान में अपने वर्ग में भी शादी करने में अनेक झंझट पैदा होते हैं । जापान में छुआछूत नही; हिन्दुस्तान में इसकी पराकाष्ठा है । ये बातें विचार करने लायक हैं । पर विचार करनेवालों ही की यहाँ कमी है । विचार करै कौन ? [अगस्त, 1905 को 'सरस्वती' में प्रकाशित । असंकलित ।]