सचिव-यग्म इस संख्या मे इंगलैण्ड के प्रधान सचिव सर हेनरी कैम्बेल बैनरमैन और उनके सहायक भारत-सचिव राइट आनरेबल जॉन मार्ले के हाफ-टोन चित्र पाठको को भेंट किये जाते है। इम सचिवद्वय का चरित पाठको ने अन्यान्य अखबारो और मासिकपत्रों में पढ़ा ही होगा। इससे परिचय के लिए इनके विषय की हम सिर्फ दो ही चार बाते लिखेंगे । कैम्बल बैनरमैन 1 - वैनरमैन साहब ग्लासगो के रईस है । 1836 ई० मे वही इनका जन्म हुआ था। इस ममय इनकी उम्र 70 वर्ष की है। 1861 मे केम्ब्रिज के ट्रिनिटी कालेज से इन्होने एम०ए० पास किया । इनके पिता और बड़े भाई पक्के 'कन्सरवेटिव' थे पर आश्चर्य यह है कि ये उमी घर में 'लिबरल' पैदा हुए । इनके राजकीय विचार बडे ही उदार है। 1868 में ये पहिले पहिल पारलियामेंट में, स्टलिंग शहर की तरफ़ से, सभासद चुने गये। तव मे आज तक ये उस शहर की तरफ़ से प्रजा-प्रतिनिधि हैं । बहुत दिनों तक ये बड़े बड़े पदो पर रह चुके हैं। कई वर्ष तक ये युद्ध-विभाग के मंत्री थे। कई वर्ष तक आयरलैंड के प्रधानमन्त्री थे । और अब कोई डेढ़ वर्ष से महाराज मप्तम एडवर्ड के मुख्य मंत्री हैं। अब इन्हें मंत्रियों के मंत्री, अर्थात् अँगरेज़ी राजसभा के सूत्रधार, कहना चाहिए । ये बोर-युद्ध के बहुत खिलाफ़ थे । यदि बाल्फ़र साहब की जगह पर उस समय ये प्रधान मंत्री होते तो यह युद्ध कभी न हो पाता। इन्होंने साफ़ साफ़ कह दिया था कि जिम ढंग से यह युद्ध हो रहा है वह अनुचित है । उसे युद्ध नही कह सकते । इनका स्वभाव बहुत सरल, सच्चा और उदार है । इनमें कर्तव्य-निष्ठा भी बहुत है । आजकल लाड्स और कामन्स में जो विरोधभाव हो रहा है उसे नि.सकोच होकर ये दूर करना चाहते हैं । लाम लोगों की काररवाई इनको पसन्द नही । उनकी शक्ति की मात्रा ये युक्ति मे कम करने के फ़िराक में हैं । ये नहीं चाहते कि प्रजा के हिताहित का विचार न करके 'हाउम आफ़ लाईस' में बैठनेवाले लाई मनमानी करें । कम्बल-बैनरमैन माहब अच्छे वक्ता नही । ये अपनी वक्तृता कभी कभी लिखकर ले जाते हैं और सुनाते है। इनको क्रोध कम आता है। ये विनोदशील ऐसे हैं कि इनके प्रतिपक्षी भी इनकी बातें सुन कर हम देते है। चेम्बरलेन माहब के राजनैतिक विचार कई विषयों में बिलकुल इनके उलटे हैं । तथापि चेम्बरलेन साहब इनका बड़ा आदर करते हैं । इनके खिलाफ उन्हें प्रायः हमेशा ही बोलना पड़ता है। पर इससे बैनरमैन-विषयक उनकी आदरवुद्धि कम नहीं हुई।
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