पृष्ठ:महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली खंड 4.djvu/१२०

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116/ महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली (10) रेल में तीसरे दरजे के मुसाफ़िरों के आराम की तरफ़ ध्यान देना । बुरे (1) कलकत्ते के म्युनिसिपल महकमे की स्वदेशी स्वाधीनता का नाश । (2) गवर्नमेण्ट की लगान-सम्बन्धिनी नीति का अनुमोदन । (3) यूनिवर्सिटी-सम्बन्धी नया कानून लगा कर सिनेट में सरकारी अफ़सरों की प्रधानता। (4) गवर्नमेण्ट की गुप्त बातों को न जारी करने के विषय का कानून । (5) प्रतियोगी परीक्षाओं को उठा देना। (6) अफ़सरों की सिफ़ारिश ही पर हिन्दुस्तानियो को प्रबन्ध और न्याय-विभाग मे नौकरी देना। (7) महारानी विक्टोरिया के घोषणापत्र का बुरा अर्थ करना । (8) गोरे और काले चमड़े को देखकर नौकरी देने का नियम करना । (9) तिब्बत पर अनावश्यक चढ़ाई करके देश का म्पया व्यर्थ बरबाद करना। (10) वरार को निज़ाम से हमेशा के लिए ले लेना । (11) दो एक हिन्दुस्तानी गजाओं के साथ अनुचित बर्ताव करना। (12) देहली-दरवार में व्यर्थ रुपया फेंकना और अपनी शान को सबसे अधिक बढकर दिखलाना। (13) कलकत्ते मे अपनी 'कनवोकेशन' वाली वक्तता मे हिन्दुस्तानियो पर अनुचित इलज़ाम लगाना। (14) बंगाल के दो टुकड़े करके वगवासियो के जातीय बल को कम कर देना। लार्ड कर्जन के 'इम पिछले काम ने बगालियो को बहुत ही क्षुब्ध कर दिया है । जब आपके इम्तेफ़े की खबर कलकत्ते मे पहुँची, तब बगालियो ने खुशी के आवेश मे गेशनी करने का इगदा किया। परन्तु कुछ समझदार आदमियो ने इस बात को पसन्द न किया । इमसे रोशनी कक गई। लाई कर्जन के इम काम ने देश मे-विणेप करके बगाल में-स्वदेशी चीजो ही को काम में लाने का जोश पंदा कर दिया है। यदि यह जोश जग जाय तो बहुत अच्छा हो और इसका माग पुण्य लार्ड कर्जन ही के हिम्मे मे आवै । सच कहते हैं, कभी कभी बुराई से भी भलाई होती है । नवम्बर के मध्य में लाई कर्जन जाते है। आपकी जगह लार्ड मिण्टो आते है। इनके पूर्वज एक दफा, 1897-18 13 ई० तक, यहाँ गवर्नर जनरल रह चुके है । उनके पहले लार्ड वेलम्ली यहां गवर्नर जनग्ल थे। उन्होंने अपने कई एक कामो से प्रजा को अप्रमन्न किया था । कर बखेडे उठ खड़े हुए थे । उनको लाई मिण्टो ने आकर शान्त किया था । आपकी गवर्नर जनरली मे प्रजा बहुत प्रसन्न रही थी । यह समय भी कुछ वैमा ही है। लार्ड कर्ज़न ने भी बहुत मे काम प्रजा की मरजी के खिलाफ किये हैं । इस कारण प्रजा आपसे प्रसन्न नहीं है । आशा है अपने पूर्वज लार्ड मिण्टो की तरह नये लार्ड मिण्टो भी इस दश के शासन में उदारता दिखला कर प्रजा के दुःखों को भुला देने की चेष्टा करग। जव लार्ड कर्जन ने लार्ड किचनर के जंगी प्रस्ताव का बिरोध किया तभी