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पृष्ठ:महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली खंड 4.djvu/१३९

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अमेरिका के गांव / 135 सन्तुष्ट नहीं रहते । दिन-रात उन्नति की धुन में लगे रहते हैं । वे अपने घरों को वर्तमान सभ्य संसार की प्रत्येक आवश्यक और आराम देने वाली चीज़ से पूर्ण रखते हैं । सन्त निहालसिह, जो केम्ब्रिज में कई महीने रहे हैं, कहते हैं-"केम्ब्रिज के निवासी की एक मामूली पशुशाला हिन्दुस्तान की किसी सार्वजनिक इमारत (Public Building) से भी अधिक अच्छी हालत में है ।" केम्ब्रिज की पशु-शालाओं में (अर्थात् जहाँ घोड़े और गायें बँधती है) बिजली की रोशनी होती है । गायें ग्लोव चढ़े हुए क़ीमती लैम्पों की रोशनी में दुही जाती हैं। केम्ब्रिज के स्कूल की इमारत बड़ी ही भव्य और विशाल है। यह एक सौ सत्ताईम फुट लम्बी और छिहत्तर फुट चौड़ी है । इमारत खूब ऊँची कुरमी पर बनाई गई है और तिमंजिला है । उसमें हवा आने-जाने, गरमी पहुँचाने और सफाई रखने का बड़ा अच्छा प्रबन्ध है। ये सब काम नवाविष्कृत यन्त्रों के द्वारा होते है। उसमें एक ऐसा भी यन्त्र लगा हुआ है जिससे रोगोत्पादक कीड़े वहाँ पैदा ही नहीं हो सकते। प्रत्येक मंजिल में कई कमरे हैं । प्रत्येक कमरा एक-एक काम के लिए है । कोई पढ़ाई के लिए है; कोई व्यावहारिक शिक्षा के लिए; किसी में शिक्षक रहने है; किसी में विद्यार्थी; कोई शिक्षकों के बैठने के लिए है; कोई विद्यार्थियों के खेलने और व्यायाम करने के लिए; किसी में दद्वतर है; किसी में पुस्तकालय; कोई कमरा सभा करने के लिए है। कोई कविता पढ़ने के लिए। इसी तरह किसी में असबाब रहता है; किसी में यन्त्र और इंजिन । मतलब यह कि सब चीजों के लिए स्थान स्थित है। स्कूल से सम्बन्ध रखने वाला वैज्ञानिक परीक्षागार नवीन यन्त्रों से पूर्ण है। वैज्ञानिक शिक्षागृह में न मालूम कितने जीवित पक्षी है । हर एक कमरे में टेलीफ़ोन लगा हुआ है । पढ़ाई के कमरों को छोड़कर बाक़ी सारी इमारत में कोई एक सौ साठ जगह बिजली की रोशनी होती है । टाइम टेबुल का काम घड़ियों से लिया जाता है। ज्यों ही एक विषय पढाने का समय समाप्त होता है, त्यों ही घड़ी घण्टी बजा देती है । इमारत के प्रत्येक कमरे में आवश्यकीय और सजावट का कितना सामान है, यदि इसका संक्षिप्त वर्णन भी किया जाय तो भी लेख बहुत बढ़ जायगा, इसलिए इस विषय में केवल इतना ही कहना काफ़ी है कि हिन्दुस्तान के बड़े से बड़े कालेज को जो सामान नसीब नही, वह सब अमेरिका के छोटे से गांव केम्ब्रिज के स्कूल में विद्यमान है। स्कूल में सब मिलाकर एक मौ सत्रह लड़के और एक सौ अड़तीस लड़कियां है । उन्हें पढ़ाने के लिए स्कूल में बारह शिक्षक नियत है । उनके सिवा दो शिक्षक और भी है; एक गाना सिखाने और दूसरा ड्राइग सिखाने के लिए । चौदह सौ की बस्ती के गांव मे इतने लड़के लड़कियाँ इसलिए पढ़ती है कि वहाँ ज़बरदस्ती शिक्षा का नियम है । अर्थात् रियासत भर में सात से सोलह वर्ष की उम्र तक का प्रत्येक लड़का और लड़की स्कूल जाने के लिए बाध्य है । जो माता पिता अपने बच्चों को पढ़ने नही भेजते, उन्हे गवर्नमेंट दण्ड देती है। स्कूल से कुछ दूर पर 'कानिकल' नामक समाचारपत्र का दफ्तर है । केम्ब्रिज से निकलने वाले अखबारों में यह मुख्य है । यह साप्ताहिक पत्र है और कोई पचास वर्ष से