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पृष्ठ:महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली खंड 4.djvu/१८५

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पेरिस योरप में फ्रांम देश की राजधानी का नाम पेरिम है। वह बहुत बड़ा नगर है । सुन्दरता में तो वह दुनिया में अपना मानी नहीं रखता । वह अद्वितीय है। सीन नामक नदी उसके बीचोबीच बहती है। पर नगर की बस्ती नदी के एक तरफ़ अधिक, दुमरी तरफ़ कम है। बीच में नदी आ जाने से नगर की शोभा और भी अधिक हो गई है । इसके सिवा वह दो पहाड़ियो के बीच मे बसा हुआ है। उत्तर ओर की पहाडी 328 फुट और दक्षिण ओर की 262 फट ऊँची है। इन पहाड़ियों ने भी नगर की शोभा वृद्धि मे सहायता पहुँचाई 1800 ईसवी में पेरिम की आबादी 5 लाख के लगभग थी। सौ वर्प वाद, 1901 में बढ कर वह 27 लाख हो गई । पिछली मनुष्य-गणना 1911 में हुई थी। तब उसकी मनुष्य-संख्या 28 लाख के लगभग थी। सीन नदी पर 32 पुल है । सबसे पुराना पुल 1578 ईसवी मे बना था । उसका नाम है-पाट-नफ अर्थात् नया पुल । 'नया नाम पाने पर भी वह सबसे अधिक पुराना है । जो पुल सचमुच ही सबसे पीछे का अर्थात् नया है वह पाँट अलेग्जांडे, तीमग कहलाता है । उसे वने अभी 20 ही वर्ष हुए होगे । इस पुल में केवल एक कमानी है । वह लोहे की है । वह 350 फुट लम्बा और 132 फुट चौड़ा है । पेरिस में सैकड़ों उत्तमोत्तम इमारते हैं । इन इमारतो की सुन्दरता, कारीगरी और आस पास का दृश्य देखने ही लायक है । विस्तृत वर्णन से भी उनकी रमणीयता का यथार्थ चित्र आँखों के मामने नही लाया जा सकता। पेरिस में अनेक विद्वान, अनेक कला-कुशल और अनेक विज्ञान-वेत्ता रहते है । पश्चिमी देशो में जितने बड़े बड़े नगर है, फैशन और रँगीलेपन में कोई नगर पेरिस को नही पाता । वही ने नये नये रीति-रवाज, नये नये वस्त्राच्छादन और नये नये भोजन-पान की विधियां और देशो तथा नगरी में फैलती हैं। इन सब बातो में औरो के लिए पेरिस गुरुकल्प हो रहा है । दूर दूर से लोग वहाँ मैर करने आते हैं। फ्रांस में प्रजातन्त्र राज्य है। प्रेसिडेंट, जिसे राजा कहना चाहिए, पेरिस के डि ल' इलीसी नामक महल में रहता है। प्रजा के प्रतिनिधियों की मन्त्रणा-सभा की बैठक डू-लक्षमवर्ग महल में होती है। कार्य-कर्ता प्रतिनिधि अर्थात् डिपटी लोग-बार्बन नाम के महल में काम करते है; वही उनका दफ्तर है। ल' ली डि ला सिटी नाम के महल्ले में न्यायालय, गिरजाघर, घण्टाघर, जेल आदि इमारते है । सीन नदी के उत्तरी तट पर पेरिस का वह भाग है जहाँ कल-कारखाने और बड़े बड़े व्यवसायियों की दुकानें हैं । बनिज-ब्यौपार और उद्योग-धन्धे विशेष करके वहीं होते है। वहाँ पर एक जगह है-पैलेस डि ला बैस्टिली। उसे पेरिस का व्यापारिक केन्द्र कहना