पृष्ठ:महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली खंड 4.djvu/१८६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

182 / महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली चाहिए । वहाँ की इमारतें आकाश से बातें करती हैं और करोड़ों रुपये का व्यापार और ख़रीद फरोख्त का काम रोज़ होता है। एक नहीं अनेक बड़े बड़े वाज़ार इस महल्ले में हैं । बोर्सी अर्थात् सराफ़ा-बाजार भी वहीं है। एक प्रसिद्ध थियेटर (नाटकघर) भी वहीं है । इनके सिवा एक इमारत और भी है, जो संसार में अपनी प्रतिमा नहीं रखती। वह है वहाँ का पुस्तकागार-फ्रांस की जातीय लाइबेरी। लोगों का खयाल है कि ऐसा बहुमूल्य पुस्तकालय भूतल में दूसरा नहीं। कहीं न मिलनेवाली सबसे पुरानी और सबसे नई-पुस्तकों का संग्रह वहाँ है । उनकी संख्या 25 लाख के लगभग होगी। सीन नदी के तट पर लोवरे नाम का एक मनोमोहक भवन है। उसमें अनन्त चित्र, मूर्तियां तया भिन्न भिन्न प्रकार की कारीगरी के नमूने संगृहीत हैं । जो वस्तु कहीं और देखने को नहीं मिल सकती वह पेरिस के इस संग्रहालय में मिलती है। उसे देखने के लिए दूर दूर देशों और विलायतों से विद्वान् और गुणिजन आया करते हैं। जिस महल्ले में पेरिस के बड़े बड़े बाजार हैं उसी के आस पास नाचने-गाने और खेल-तमाशे के साधन भी हैं। कितने ही नाचघर, नाटकघर और आपरा-हौस ऐसे हैं जहाँ रोज़ ही दर्शकों की अपार भीड़ रहती है-रोज ही एक न एक खेल-तमाशा हुआ करता है। एक इमारत का नाम है-ग्रेड आपरा। 14 वर्ष लगातार काम जारी रहने पर 1875 ईमवी में वह बन चुकी थी। उसमें 2000 आदमियों के बैठने की जगह है । कितनी लागत से यह तैयार हुई है, आप जानते हैं ? एक करोड़ रुपये से भी अधिक । किस किम चीज़ का उल्लेख किया जाय । पेरिस की प्राचीन बस्ती में भी सैकड़ों चीजे देखने लायक हैं । उद्यानों, भव्य भवनों, गिरजाघरों, और नैपोलियन बोनापार्ट के समय की इमारतो का वर्णन इस से छोटे से लेख में करना असम्भव है । 1878 ईसवी में जो बहुत बड़ी प्रदर्शनी पेरिस में हुई थी उसके लिए एक ख़ास इमारत बनवाई गई थी। उसका नाम है-ली ट्रोकाडेरो। यह प्रासाद बहुत ही दर्शनीय है और सीन नदी के तट पर ही अवस्थित है। पेरिस में एक बहुत बड़ी जन्तुशाला भी है। सीन नदी का जो तट कुछ नीचा है उस पर उत्तर से दक्षिण की ओर सेंट मिचल नाम की वस्ती है। इसी तरह जो भाग पूर्व से पश्चिम की तरफ़ है वह सेंट जर्मन कहाता है। इन्ही वस्तियों में छात्र-निवास और अधिकतर स्कूल और कालेज हैं । पेरिस का विश्वविद्यालय भी वही है । बहुत पुरानी वस्तुओं का एक संग्रहालय अर्थात् अजायब-घर तथा नामी नामी अर्वाचीन चित्रकारों के चित्रों के नमूने भी वहीं एक चित्रशाला में है । कुछ दूर पर होटल डेम इनवैलिड्स नाम का एक प्रसिद्ध भवन है। उसे फ्रांम के राजा चौदहवें लुई ने बनवाया था। उसी में एक सुवर्ण-खचित मण्डप के नीचे पहले नपोलियन की कब्र है। ऊपर जिस प्रदर्शनी भवन (ट्रोकाडेरो) का उल्लेख चुका है उसी के सामने, मीन नदी के दूसरे तट पर, एफल टावर है। पेरिस में यह एक प्रधान दर्शनीय वस्तु है । संसार का यह एक नामी मीनार है । इसकी ऊंचाई कुछ कम एक हजार फुट है। पेरिस के चारों ओर रेल दौड़ती है । वह पृथ्वी के ऊपर दौड़ लगाती है । एक रेल