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16 / महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली 'सरस्वती' के पांच अंकों में धारावाहिक रूप में प्रकाशित हुआ था। यह लेख निम्न- लिखित उपशीर्षकों में बंटा हुआ है-(1) ग्रीस, रोम, (2) विद्या का पुनरुज्जीवन, (3) इंगलैंड में राज्य-क्रांति, (4) फ्रांस में राज्य-क्रांति, (5) धाम्मिक परिवर्तन । इन उपशीर्षकों को देखकर ही इस लेख के विषय का अनुमान पाठकों को हो सकता है । -भारत यायावर