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पृष्ठ:महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली खंड 4.djvu/२०७

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कुमारी एफ० पी० कॉब / 203 यद्यपि इस काम में अभी तक इनको सफलता नहीं हुई, तथापि ये निराश नहीं हुई। इनका उद्योग, इस विषय में, बराबर जारी है। विलायत में जो लोग अपनी स्त्रियों को निर्दयता से मारते-पीटते थे और उन्हे नाना प्रकार के दुःख देते थे उनसे विवाह-सम्बन्ध तोड़ने का अधिकार स्त्रियों को पहले न था। इससे उन स्त्रियों की बड़ी दुर्दशा होती थी। परन्तु कुमारी कॉब के उद्योग से पारलियामेंट ने अब यह नियम कर दिया है कि ऐसी स्त्रियाँ अपने पतियों से अलग हो सकती है । अतएव हर साल सैकड़ों सुशील स्त्रियाँ अपने मद्यप, दुर्व्यमनी और दुष्ट पतियों के हाथ से छूट कर नीति-मार्ग का अवलम्बन करते हुए अपना समय बिताती है । कुमारी कॉब का मत है कि गृहस्थाश्रम में पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों की योग्यता अधिक है । घर को घर बनाना-अर्थात् उसे प्रेम, विश्राम और आनन्द का मन्दिर बनाना-स्त्रियो ही का काम है । पुरुष बड़ी बड़ी लड़ाइयो में वीरता दिखा सकते हैं, बड़े बड़े व्याख्यान सकते हैं; बड़े बड़े नगर और किले बना सकते है; परन्तु वे घर को सुख और समाधान का स्थान नही बना नकते । यह काम स्त्रियो ही का है। इन्होंने इस बान का भी पहले-पहल उद्योग किया कि विश्वविद्यालय में स्त्रियों को भी सब प्रकार की उच्च शिक्षा दी जाय; और, परीक्षाओ में पास होने पर, पुरुषो के से प्रशंसापत्र आदि भी उन्हें दिये जायें। कॉब ने पशुओं को भी अपनी दया का अधिकारी बनाया है । जीवधारियों को मताना वे पाप समझती है। विज्ञान-सम्बन्धिनी जांच करने के लिए भी पशुओं का मारा जाना उनको असह्य है। पशु-हिसा के प्रतिकूल उन्होने बहुत प्रयत्न किया है । वे चाहती है कि पशुओ का जीतेजी छिन्न-भिन्न किया जाना एकदम बन्द हो जाय। इस एक ही विषय पर उन्होने निबन्ध और पुस्तके लिखी है । उन सब की गिनती 200 के लगभग बड़े बड़े विद्वारों और अधिकारियो से इनका परिचय है । जान स्टुअर्ट मिल, कार्लाइल, टेनिसन और डार्विन इत्यादि प्रख्यात पुरुष इनसे विशेष परिचित थे । लिखने और व्याख्यान देने में ये बडी पटु है। इन्होंने अपनी लेखनी के बल से कोई एक लाख रुपया पैदा किया है। इनकी दया, उदारता और देशसेवा पर मुग्ध होकर लिवरपूल की एक धनवती स्त्री ने, मरने के पहले, अपनी मारी सम्पत्ति इनको दे दी। अपनी निज की पैदा की हुई तथा इस उदार स्त्रीरत्न की सम्पत्ति से इन्होंने स्त्रियो की उन्नति के सम्बन्ध में ऐसे ऐसे काम किये है जिनका विचार करके लोग सहस्रमुख से उनकी प्रशंसा करते कुमारी कांब ने छोटी-बड़ी अनेक पुस्तकें लिखी है । विलायत में गवर्नमेट का जो सबसे बड़ा पुस्तकालय है उसके लम्बे-चौड़े सूचीपत्र का एक पन्ना का पन्ना इनकी पुस्तकों की नामावली से भरा हुआ है । योरप और अमेरिका के प्रायः सभी प्रसिद्ध पुरुष इनको जानते है । उन सब से 1. अब स्त्रियों को भी मत देने का अधिकार प्राप्त हो गया है। 1919