पृष्ठ:महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली खंड 4.djvu/२३९

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सुल्तान अब्दुलअजीज़ / 235: पड़ोस में दिन रात दंगा फ़िसाद और मारपीट हुआ करे उससे आपको कुछ तकलीफ़, पहुंचे या नहीं ? यदि रात रात भर तबला ठनके या आल्हा गाया जाय तो क्या आपको नीद आयगी? यही दशा आप मुराको की क्यों न समझें ? वहाँ के कुप्रबन्ध से पाम-पड़ोम के देश आजिज़ आ गये हैं। इसलिए वे कहते है कि मुराको में खूब अमन-चन का राज्य स्थापित करके हम अपने घर चले जायेंगे और वहीं फिर सुख से मोवेंगे। मुराका के बागियों और डाकुओं के भेरी-नाद से फिर हमारी निद्रा भंग न होगी । इसलिए यह सारा प्रयत्न है। जिन मुराको के लिए यह मब बखेड़ा हो रहा है उसका क्षेत्रफल कोई तीन लाख वर्गमील है । क्षेत्रफल में वह फास के आलजीरिया देश से दूना है। वहाँ की आबादी का ठीक ठीक हिसाब नही मालूम हुआ। कई अंगरेज ग्रन्यकारों का मत है कि वह कोई 65 लाख है। अरब, बरबर और यहूदी लोग वहाँ अधिक बसते है । हबशी भी कुछ हैं । बिगड़ी हुई अरबी वहाँ की भाषा है। पहले वहाँ कोई विदेशी व्यापार करने न जाने पाता था। परन्तु 1864 ईसवी में सुल्तान ने एक इकरारनामा योरप की सब शक्तिया को लिख दिया कि आज से जो योरप-निवासी चाहे हमारे देश में आकर व्यापार करे । बम, मुराको के दोष देख पड़ने का यही से सूत्रपात हुआ। मुगको के सुल्तान का पूरा नाम है मुलाई अब्दुलअजीज । उनकी पदवी है अमीम्ल्मोमनीन । आप जिम वंश के है उसका राज 15 पीढ़ियों से मुराको में वला आता है। आपका जन्म 24 फ़रवरी 1878 को हुआ था। पिता के मरने के बाद, 7 जन 1894 को. आपने गद्दी पाई। आपकी राजधानी फेज़ नाम का शहर है । मुल्तान अब्दलअजीज अपने को अली का वंशज बतलाते है। आपके कुमार का नाम है शाहजादा हमन । मुराको में सुल्तान की सत्ता अखण्ड है । वे जो चाहे कर सकते है। उनकी इच्छा ही क़ानून है । राजकीय और धाम्मिक दोनो विषयो में सुल्तान की आजा ही क़ानून है। अलग अलग महकमों के 6 मन्त्री सुल्तान के अधीन है। इच्छा होने पर सुल्तान उनसे सलाह सकते हैं। पर इमका काई नियम नही कि सब बाते मन्त्रियों से पूछ कर ही वे करे । सुल्तान की आमदनी कोई 75 लाख रुपये सालाना है । प्रजा से कर, नज़रें और तोहफ़े इत्यादि लेने से यह आमदनी होती है । सुल्तान की राजधानी यद्यपि फेज में है, पर आप अकसर और जगह भी रहा करते है। आप की फौज में तोपों की कई बैटरियां हैं, रिमाले है और कोई दम हज़ार सीत्री सिन्वाई पैदल फ़ौज भी है। काईद मैकलिन नाम का एक अँगरेज़ सुल्तान के यहाँ नौकर है। वहीं उनकी फ़ौज को कवायद परेड सिखलाता है । ये साहव बहादुर फौजी भी काम करते हैं और मुल्की भी । अँगरेज़ लोग इनकी बड़ी तारीफ़ करते है । वे कहते हैं कि इनके सुधार-मार्ग में यद्यपि अनेक कठिनाइयाँ है तथापि इन्होने मुराको को बहुत कुछ उन्नति की है। सुल्तान को फ़ोटो लेने का बड़ा शौक है । आप अच्छे फ़ोटोग्राफ़र है । आपने इंगलैंड से फोटोग्राफ़ी के बहुत कीमती सामान मंगवाये हैं। कैमरा सोने का है। उसमें