252 / महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली है। 'जियाफ़त' आदि के लिए रुपयों के तोड़े के तोड़े गवर्नमेंट के ख़र्च हो रहे हैं । आगरे में दरबार हो रहा है । फौजें दिखाई जा रही हैं । खेल-तमाशे हो रहे हैं । कल-कारखानों की सैर कराई जा रही है । आशा है, इन सब बातों से अमीर साहब के हृदय पर गवर्नमेंट की शक्ति, प्रभुता और उदारता का खूब अच्छा चित्र खिंच जायगा और आगे से वे गवर्नमेंट के दृढ़ मित्र बनकर उसकी सलाह से सब काम करेंगे। [अमीर हबीबुल्ला मर चुके; अब उनके पुत्र अमीर अमानुल्लाखाँ अफ़ग़ानिस्तान के सर्वेसर्वा हैं । वे बड़े ही नीति- निपुण, प्रजावत्सल और सभ्यताभिमानी शासक हैं।]1 [जनवरी, 1907 की 'सरस्वती' में प्रकाशित । 'चरित्र-चित्रण' पुस्तक में संकलित ।] 1. कोष्ठक में लिखे तीन वाक्य 'चरित्र-चित्रण' पुस्तक में इस लेख को संकलित करते समय द्विवेदीजी ने लिखे थे। -यायावर
पृष्ठ:महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली खंड 4.djvu/२५६
दिखावट