पृष्ठ:महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली खंड 4.djvu/२७

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बौद्धों के द्वारा अमेरिका का आविष्कार सारे मभ्य संसार का यह विश्वास है कि सन् 1492 ई० मे कोलम्बस साहब ही ने पहले- पहल अमेरिका का आविष्कार किया था। उनके पहले कोई बाहरी मनुष्य अमेरिका में न गया था। यह विचार केवल यूरोपियनो ही का नही, किन्तु एशियावालों का भी है। पर सर्वसाधारण का यह मत भ्रमात्मक है । कोलम्बस के सैकड़ो वर्ष पहले बौद्ध धर्म- प्रचारक गण अमेरिका गये थे। और वहाँ उन्होंने बौद्ध धर्म और एशियाई सभ्यता का प्रचार किया था। अमेरिका के कई स्थानों में इस बात के प्रमाण पाये गये है। अमेरिका में हारपर्स मैगज़ोन (Harpers Magazine) नामक एक मामिक पत्र निकलता है। उसमें कई साल हुए पूर्वोक्त विषय पर एक महत्त्वपूर्ण लेख निकला था। उस लेग्न के अध्यापक जान फायर ने उममे यह सिद्ध किया था कि अमेरिका का पता पहले पहल बौद्धों ही ने लगाया था और वहाँ के मेक्सिको देश में बौद्ध धर्म और सभ्यता का प्रचार किया था । फायर साहेब के लेख का सारांश सुनिए- बौद्ध लोगों ने अपने धर्म का प्रचार करने में बड़े ही अपूर्व साहस का परिचय दिया है। एशिया में शायद ही ऐसा कोई देश हो जहाँ उन्होंने अपने धर्म का प्रचार न किया हो। भारतवर्ष, लंका, ब्रह्मदेश, सुमात्रा, जावा, चीन, जापान, तुर्किस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, एशिया माइनर आदि न मालूम कितने देशों में घूम घूम कर उन लोगों ने अपने मत का प्रचार किया था। ईसा की पांचवी शताब्दी में बौद्ध धर्म एशिया में उन्नति की चरम सीमा पर पहुँच गया था। इसी समय काबुल, चीन और जापान के कुछ बौद्धों ने अमेरिका के मेक्सिको राज्य में जाकर अपने धर्म का प्रचार किया। मेक्सिको से पूर्वोक्त मत के प्रमाणस्वरूप बौद्धों के बहुत चिह्न पाये जाते है । उनमें से वहाँ के बौद्ध-युग का भास्कर्य और स्थापत्य सबसे अधिक विश्वसनीय है। इसके चिह्न मेक्सिको के घर घर में पाये जाते है। इसके सिवा वहाँ के नगरों और ग्रामो से भी यह मालूम होता है कि मेक्सिको में बौद्ध धर्म का प्रभाव बहुत दिनों तक रहा । उदाहरणार्थ, ग्वाटीमाला (Guatimala) लीजिए । यह 'गौतमालय' का अपभ्रंश The Oaxaca, Zacaticas, "Sacatepec, Zacatton, Sacapulas 3tif FATTAT नाम भी 'शाक्य' शब्द की छाया पर बने हैं। इस बात को सब लोग जानते हैं कि संस्कृत का 'श' अक्षर अन्य भाषाओं में 'ह', 'ज' अथवा 'व' बन जाता है। इसलिए शाक्य से साका और जाकरा आदि हो जाना कुछ विचित्र नहीं। मेक्सिको में पाल के नाम का एक स्थान है। वहाँ बुद्ध महाराज की एक मूर्ति मिली है। उस मूर्ति पर लिखा है- 'शाकोमल' । हमारी समझ में यह शब्द 'शाक्यमुनि' का अपभ्रंश है । तिब्बत के बौद्ध लोग अपने पुरोहित को 'लामा' कहते हैं। मेक्सिको में बौद्ध मत और बुद्ध मूर्तियाँ सैकड़ों की तादाद में पाई गई हैं। उसके सिवा वहाँ ऐसे कई प्राचीन शिलालेख भी मिले