पृष्ठ:महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली खंड 4.djvu/२८४

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280/ महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली एग्जामिनर (San Fransisco Examiner) नाम का समाचारपत्र निकालने लगे। जिन लोगों ने इसे देखा है उनका कथन है कि निकलने के साथ ही इस पत्र ने अमेरिका के पश्चिमी किनारे वाले देशों को हिला दिया। सारे देश में इसकी धूम मच गई। इससे लेखों को पढ़ कर दुष्ट, दुराचारी, अत्याचारी और पापियों के हृदय थर-थर काँपने लगे। आपकी निर्भीक नीति ने जादू का सा असर किया। जिन 'चोरों की डाढ़ी में तिनका' था वे मैदान छोड़-छोड़कर भागने लगे। पापियों ने पराजय स्वीकार किया। केलीफ़ोरनिया के मच्चरित्र सज्जन आपकी कलई खोलने और भण्डा फोड़ने वाली नीति की शतमुख मे प्रशंसा करने लगे। कुछ दिनों में इस पत्र की ग्राहक संख्या इतनी बढ़ी कि इमसे खूब लाभ होने लगा। कार्यविस्तार सानफ्रांसिस्को में आपने जैसी मफलता प्राप्त की उमसे आपका उत्साह खूब बढ़ गया। 1894 में आपने अमेरिका के दूसरे छोर न्यूयार्क में भी एक अख़बार निकालने का निश्चय किया। उस समय न्यूयार्क में 'न्यूयार्क वर्ल्ड' के प्रसिद्ध सम्पादक पलिटजर माहब की तूती बोलती थी। पर हार्ट के समान प्रतिभाशाली और करोड़पति के मुकाबले में ठहरना हर एक का काम न था। आपने पलिटज़र के सब योग्यतम कार्यकर्ता अपनी ओर कर लिये। पलिटज़र के तनख्वाह बढाने पर वे फिर उधर चले गये। इम पर आप इतना अधिक वेतन देने को तैयार हुए जितना पलिटजर के ख़याल में भी नहीं आ सकता था। अन्त में आपकी जीत हुई। थोड़े ही दिनों में आपका पत्र न्यूयार्क जर्नल (New York Journal) अमेरिका के सब अखवारों से बाजी मार ले गया। उसकी ग्राहक-संख्या सबसे अधिक हो गई और वह औवल दर्जे का अखबार ममझा जाने लगा। हास्ट साहब के अखबारों की वर्तमान दशा हास्ट गाहब इस समय जुदे-जुदे नौ समाचारपत्रों और तीन मासिक पुस्तको के स्वामी और संचालक हैं । ये बारहों पत्र अमेरिका के पांच वडे-बड़े नगरों अर्थात् बोस्टन, न्यूयार्क, शिकागो, सानफ्रांमिस्को और लास ऐंगलीज़ से प्रकाशित होते हैं । इन पत्रो की ग्राहक-संख्या बीम लाख से कुछ ऊपर है और दिन पर दिन बढ़ती जाती है। मतलब यह है कि हार्ट माहब प्रति दिन बीस लाख आदमियों से बातचीत करते हैं। कुछ ठिकाना है ! इस मंमार में किमी वक्ता को इतने अधिक श्रोता शायद ही कभी मिले होंगे। हार्ट साहब ने अपने अख़बारी कारोबार में कोई चार करोड़ रुपये अपनी गांठ के लगा रक्खे हैं। पूर्वोक्त बारहों पत्रों के प्रकाशित करने में हर साल आप कई करोड़ रुपये खर्च करते हैं। इस काम में प्रतिदिन एक लाख बीस हजार रुपये आपके घर से जाते हैं !!! पत्रों की बीस लाख कापियां तैयार करने में प्रतिदिन बाह हजार मन काग़ज़ खर्च होता है। इस समय आपके अधीन काम करने वालों की संख्या उन्नीस हज़ार के करीब है । इनमें से चार हजार ती दफ्तरों में काम करने वाले स्थायी कर्मचारी हैं