पृष्ठ:महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली खंड 4.djvu/८५

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भाग : तीन कोरिया और कोरिया-नरेश कोरिया एक प्रायद्वीप है । वह जापान के बहुत निकट है । कोरिया और जापान के बीच ममुद्र का एक बहुत ही पतला भाग है । उमे कोरिया का मुहाना कहते है। जैसे फ्रांम और इंगलैण्ड के बीच 'इंगलिश चैनल है. कोरिया और जापान के बीच वैसे ही यह मुहाना है। इसी सन्निकटता के कारण कोरिया मे रूम का संचार जापान की आँखो का काटा हो रहा है; वह उसे बहुत खटकता है । रूम का माहात्म्य यदि कोरिया में बढ़ा तो जापान की शक्ति कुछ अवश्य ही क्षीण हो जायगी। दोनो में छेड़छाड़ बढेगी; अतएव जापान की हानि सर्वथा सम्भव है। फिर एक ऐसी प्रबल शक्ति का पाम आ जाना, जिसकी राज्य-बुभुक्षा कभी शान्त नहीं होती, कदापि मंगल-जनक नहीं हो सकता। कोरिया का दक्षिणी भाग जापान के निकट है और उनरी मंचूरिया से मिला हुआ है । मंचूरिया चीन का एक सूवा है. परन्तु उमे रूम ने दवा लिया है। अनेक आशाये और आश्वासन देकर भी और सन्धिपत्रो मे छोड़ने की शपया खाकर भी रूम उसे ग्रास ही किये हुए है । मचरिया की मीमा कोरिया की सीमा से मिली होने के कारण, रूस भी कोरिया के बहुत निकट है । मबूरिया का रूम के अधीन रहना जापान के लिए किसी प्रकार मंगल-जनक नही । परस्पर के इमी नै कट्य ने, और परस्पर की इमी प्रभुत्व-वृद्धि की कामना ने, रूस और जापान को उत्तेजित कर दिया है । युद्ध की मेघ-माला पूर्वी आकाश मे, 'पीत और प्रशान्त सागर के ऊपर. बडा ही विकराल रूप धारण करके उमड़ आई है । इस लेख के प्रकाशित होने के पहले ही, रक्तपात रूपी प्रचण्ड धारामार के साथ उसकी भीम गर्जना शायद सुनाई पडने लगे। कोरिया एक बहुत छोटा प्रायद्वीप है । उसका क्षेत्रफल कोई 80.000 वर्ग मील है । वह पहाड़ी देश है । उसमें कितने ही छोटे बड़े पहाड़ है, नदियाँ भी बहुत सी हैं। वहाँ की पृथ्वी के गर्भ में अनन्त मोना, चाँदी, तांबा, लोहा और कोयला भरा पड़ा है। एक बंगाली यंजिनियर वहाँ गये थे। उन्होंने अमेरिका में जाकर एक व्याख्यान दिया है। उममें उन्होने कहा कि इस भूमण्डल में और पाई देश ऐसा नही जहाँ खनिज द्रव्यो का इतना आधिक्य हो। इसी सम्पत्ति को लूटने की गुप्त इच्छा से रूस और जापान दोनो के मुंह से लार टपक रही है; दोनों लालायित हो रहे है। कोरिया में सब आठ सूबे हैं । उसकी राजधानी सियूल नामक नगर है । च्यमलफू बन्दर से सियूल तक रेल जारी है। च्यमलफू से सियूल कुल 24 मील है। यह रेल जापानियों के प्रबन्ध से बनी है; वही उसके कर्ताधर्ता हैं। कोरिया में कोरिया ही की 1