नेपाल नेपाल की गिनती उन राज्यो मे है जो स्वाधीन गिने जाते है । पर जैसे हैदराबाद, मैमूर, और काश्मीर इत्यादि राज्यों में अँगरेजी का रेजीडेंट रहता है वैसे ही नेपाल मे भी रहता है । यह देश कोई 500 मील लम्बा और 120 मील चौड़ा है। इसका क्षेत्रफल कोई 60,000 वर्ग मील है। हिमालय के दक्षिणी भाग की दो चोटियों के बीच कोई 15 मील लम्बा और उतनी ही चौड़ी ममतल जगह है। नेपाल वाले उमी को नेताल कहते है । पर और देश वाले गोर्खा लोगो के मारे देश को नेपाल कहते है । नेपाल का कुछ ही हिस्मा ऐमा है जहाँ विदेशी जाने पाते है । नेपाली लोग विदेशियो को अपने देश में बेरोकटोक मब कही नही जाने देत । यह सिद्धान्त यूरप वालो को पसन्द नहीं, क्योकि इसके कारण झगड़े की जड पादरी माहब का प्रवेश वहाँ नहीं होता। नेपाल बिलकुल पहाड़ी देश है। हिमालय की सबसे ऊंची चोटी अवरिष्ट (29,002 फट) नेपाल ही की मीमा के भीतर है। उमका नेपाली नाम दूध-गगा है। नेपाल की हद का उत्तरी हिम्मा ऐसा है जहाँ बहुत करके माल भर वर्फ जमा रहता है। वह कभी नही गलता. थोड़ा बहुत बना ही रहता है। नेपाल की राजधानी काठमाण्डू में है । वह समुद्र की सतह से कोई 4,000 फुट की ऊँचाई पर है। नेपाल का दक्षिणी हिस्मा हिन्दुस्तान से मिला हुआ है। उसे तराई कहते है । वहाँ की जमीन नीची हे । उसमें सघन जंगल हैं और माल, शीशम इत्यादि बहुत पैदा होता है। जहाँ जगल नहीं है वहाँ खेती होती है। दक्षिणी हिमालय की नन्दा देवी, धवलगिरि, दयाभंग और काचन-जगा आदि चोटियाँ भी नेपाल ही के अनर्गन हैं। घावग, कोमी और गण्डक आदि नदियां नेपल से होकर बहती है । ये नदियों बहुत बड़ी है । इनके बीच का माग पहाड़ी देश नेपाल के राज्य मे शामिल है । इनमें मे एक एक नदी में सात सात आठ आठ नदियां और आकर गिरती हैं। उनमें काली. येत गंगा, रावती, नारायणी और दूधकोसी मुख्य है । नेपाल में पहाडो की भी कमी नहीं। और नदिओ की भी नही । पहाडो की तो बात ही क्या ? सारा नेपाल ही पर्वतमय है । पर नदियाँ भी बीस पच्चीस से कम नहीं । नेपाल की आबोहवा एक मी नही । जो जगह जितनी ऊँची है उसको आबोहवा उतनी ही अधिक ठण्डी है । नेपाल के तीन भाग किये जा सकते है। उत्तरी, दक्षिणी और बीच का । मैदान की जमीन से उत्तरी हिस्सा 10.000 से 29,000 फुट तक ऊँना है, और दक्षिणी हिस्सा सिर्फः 4,000 फुट तक । पहाड़ी जमीन, जिसमें थोड़ी बहुत ग्वनी होती है, साल के जंगल और तराई इसी दक्षिणी हिस्से में शामिल हैं । बीच का हिस्सा मैदान से 4,000 फुट से लेकर 105000 फुट तक ऊंचा है । हर हजार फुट की ऊंचाई पर कोई तीन अंश सरदी अधिक बढ़ती है । पर पश्चिम की तरफ का देश कम सर्द है । वहाँ
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