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पृष्ठ:महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली खंड 4.djvu/९७

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नेपाल /93. - - कीर्तिपुर एक छोटा सा कंस्था है। उसमें सिर्फ पाँच छः हजार आदमी रहते हैं । गोर्खा लोगों ने राज्य क्रान्ति के समय इसे बे-तरह विध्वस्त कर डाला था। तब से यह बुरी दशा में है । इसमें भैरव और गणेश के मन्दिर अवलोकनीय है। भटगाँव काठमाण्डू से 7 मील है । इमकी आवादी कोई प वास हजार के करीब है । नेपाल में इस शहर की बस्ती सब से अधिक घनी है। देखने में भी यह बहुत सुन्दर है और साफ़ भी यह अधिक है। भटगाँव का दरबार नामक प्रासाद पहले बहुत बड़ा था। अब भी वह देखने लायक है। उममे एक विशाल फ़ाटक है। उसे लोग 'मोने का फाटक' कहते है। यह फ़ाटक बहुत प्रसिद्ध है। इसके शिल्पकार्य की फ़रगुमन माह्य ने बडी प्रशंसा की है। भवानी, भैरव और गणेश के कई मन्दिर यहां हैं। नेपाल में गोर्खा भी एक मशहूर शहर है। पर अब उमकी उतनी कला है । जिस समय गोर्खा लोगों का वह प्रधान शहर था उस समय उसकी शोभा कुछ और ही थी। उसमें कोई इमारत देखने लायक नहीं। पर अब भी उसमे कोई दम हजार आदमी बसते है। काठमाण्डू से तीन मील पर पशुपतिनगर नाम का एक कमवा है । वह बागमती नदी के किनारे बमा हुआ है । वहाँ पशुपतिनाथ का प्रसिद्ध मन्दिर है । मन्दिर बहुत बड़ा है। उसके पाम कोई योग्प निवासी नहीं जाने पाता । पशुपति नगर नेपालियो की काशीपुरी है। मरने के समय लोग वही रहने जाते है । नेपाल की सालाना आमदनी एक करोड़ रूपया है। पर सर रिचर्ड टेम्पल माहव को इस पर विश्वास नही । आप कहते है कि इतनी आमदनी नहीं है, यह बढ़ा कर बतलाई गई है। नेपाल मे 20,000 फ़ौज हमेशा तैयार रहती है । वह कई पलटनो मे बॅटी हुई है । पर नपाल एक ऐसा देश है जहाँ के मभी मनुष्य हथियार उठाना औ• लडना जानते है। उन सब को नियत समय तक युद्ध-विद्या मिबलाई जाती है और जरूरत पड़न पर वे मब अपने देश की रक्षा के लिए लडाई पर भेजे जा सकते है। ज़रूरत के समय नेपाल कोई सत्तर अस्सी हजार फ़ौज इकट्ठा कर सकता है। फ़ौज को अँगरेजी तरह की क़वायद सिबलाई जाती है। सब को एक विशेष प्रकार की वर्दी पहनना पड़ता है। सिपाही मिर पर फेटा बाँधते है । अफ़मरो के फ़ेटो पर कलगी, जवाहिरात और चिडियो के सुन्दर सुन्दर पर लगे रहते है। फौज के बड़े अफसरो की पोशाक और ही तरह की होती है। नेपाल में मैगजीन, मिलहखाने और दो तीन तरह के तोपखाने भी है। कुछ फ़ौज के पास अँगरेजी और कुछ के पास देशा हथियार हैं । पर खुकड़ी हर सैनिक के पास रहती है । गनफील्ड राइफल के नमूने की बन्दूके भी नेपाल मे बनती है । नेपाली फ़ौज कवायद-परेड मे बहुत होशियार है। उसकी बहादुरी की तो क्या? गोर्खा सिपाही संमार में प्रसिद्ध हैं । नेपाल मे रिसाला अच्छा नहीं। इस बात को, वहाँ कमी है। पर हाथी अनेक हैं। दूसरे सभ्य देशों ने नये नये शस्त्र बनाने और युद्ध विद्या में उन्नति करने के इरादे से नये नये आविष्कारों की सृष्टि की है। पर इन बातों में नेपाल -