यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
जादू
नीला-तुमने उसे क्यों पत्र लिखा ?
मीना-किसको ?
'उसीको ?
'मैं नहीं समझी।
'खूब समझती हो। जिस आदमी ने मेरा अपमान किया, गली-गली मेरा नाम बेचता फिरा, उसे तुम मुँह लगाती हो, क्या यह उचित है ?'
'तुम गलत कहती हो।'
'तुमने उसे खत नहीं लिखा?'
'कभी नहीं।'
'तो मेरी गलती, क्षमा करो। तुम मेरी बहन न होती, तो मैं तुमसे यह सवाल भी न पूछती।
'मैंने किसीको खत नहीं लिखा ।'
'मुझे यह सुनकर खुशी हुई।'
'तुम मुसकिराती क्यों हो?
'मैं।'
'जी हाँ, आप।'
'मैं तो ज़रा भी नहीं मुसकिराई।'
'क्या मैं अन्धी हूँ?
'यह तो तुम अपने मुँह से ही कहती हो।'
'तुम क्यों मुसकिराई?'
'मैं सच कहती हूँ, ज़रा भी नहीं मुसकिराई ।'
'मैंने अपनी आंखों देखा।'