पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/१९५

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आदिम देदफाज़ ] पूर्वांत प्रकरण । ६१३ कविताकाल--१७५७ के पूर्य। विवरण इनका नाम उइन कवि ने सुज्ञानचरित्र में लिखा है। नार्भ-(५८६) राम कृष्ण चौधे । । अन्य-विनयपचीसी । कवितकार-१७ ६४ के पूर्व । विवरण–सच्चिारण अंग के हैं। इनका नाम सुन जी ने दुजान- मारित्र में छिन्ना है ।।

  • म-(५६०) लच्छीराम !

कविताका–१७४ के पूर्व । विर–नको नाम सुदन कधि ने सुजानचरेत्र में लिया हैं। नाम-(५६१) जलापति । कविल –१७५४ के पूर्वं । विप–इनका नाम सूदन ने लिखा है। नाम (५६३) सबसुन्न । कविताफाक-१७५४ के पूर्व। वियर गाइनका नाम सूदन ने लिझा हैं। नाम-१५६३) दायराय प्रपंडी प्रन्यो-(१) माथिकाभेद, (२) रसदनिका । । पविताकाल--१७:४। विषय--तैपिचे शो।