पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/४२८

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उन्नति पयः । इन्माल–१८०३। फयिताका--१८३० ।। घियर—मानकचन्द के यद्द है । नाम-(E५E) नेवाजीला विरामी । अन्मकाल-१८८४ ! फचतकाल--१८३० } चिचरण–प भ्र । नाम (६६०) पद्मश। अमफाछ-१८०३ । फचेतराल–१८३० । घचरण साधारण ले गई । नाम-१६६१) मुकुन्दाज़ बनारसी । जन्मका–१८२३।। काचेताफाळ—१८३० । विवरण साधारण अंश । नाम-(६. ६ ३) रामभट्ट Pामादी । इन्ध–(१) नारसेर, (३) बरवे नायिकाभेद । अन्नकाल–१८०३।। कविताकोझ-१८३० । चियरग्मु- नयाद कायमपी के यहाँ थे । एक रामी सराश में हैं, जिनका शृगारसार एमारे पास है, परन्तु उसने सचत् में मचाय थायन का वर्णन नहीं है, और इनके उनके समय में बहुत अनर है। इसी चिंप दाने नाम दिये हैं।