पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/४६६

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समान ] ७९ ,124 : ५।। मुन्थ- (१) रस चियात भजन, (२) राधा-अनुक, ३) शुभक्ति- बिलास, (८) हितचिश की जन्मबधाई, (५) गुरुप्रताप- महिमा, (६) जमुनामंगल, (७) जमुना-माहात्म्य । कविता-काल-१८३३।। पिवरण हितचित्र जी की सम्प्रदाय के हैं। गाम-(१ १ ०७) हरिनाथ झा ।। जन्मकाल-९८०४।। वनिताका–१८३४ ।। चियर महाराज दरभंगा के यक थे। बार--(१००८) किर गैबिन्द बुंदेडमी । जन्नकाल–१८१० । कविताल–१८३५ । वियरख-तैपि भेजे । नाम (१००६) मैचिंद जी । जन्मकाल-१८७ कवितका–१८३५। विपरी--पूर्वो वैरली में रचना की है। निन्न । नाम-१ ० १०) गुलाबसिंह पंजाबी, अमृतसर । पन्य—( रामयि, (२) चन्द्रश्चैध नाटक, (३) मैक्षिप्तकाश, १४) भचर-सवर । बबिताका–१८२५॥