पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/५१०

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म. मैनसिंह] उत्तरालंकृत प्रकरण । मधुसूदम माधव मुकुव इरि नारि श्रीनंदुलाल ! बनमाली वलबार बिहारी राम कृष्ण गोपाल ॥२i नाम-(११२४) उत्तमचन्द्र जारी । अन्ध-(१) नाघचंद्रिका, (२) अटेंकर अश्य (१८३७), () तारकतेच, (३) नीति की शत, (५) रज हम्मीर की बात। नाथपंधियां की मरिना । कवितालु–१८६४ वक। विचरण माझा भीमसिंह जोधपुर-नरेश ६ः मन्त्री थे और कुछ दिन महाराजा मानसिंह के भी मन्त्री रहे । इनकी कचिना साधारण श्रेणी की है। राष्ट्रिय विग्य साथम वज़न पद कुर्यालय सुन्द। सदय अनामय जापनमय नै कंचन रिपरि चन्द ॥ मर, समुद्र नगर देस चिंच जलज धपुर ज्ञान । जर्दै बैठे रास करत विधि विधि हो गृप मान । नाम-(११२५) मत्ाराजा मानसिंह धपूरः राजपुताचा 1 सन्थे--(१) राग र जीलेा, (२) बिहारी सतसई टोकर, (३) अलंधर नाथ जी रा चरित्र, (४) नाथबरिष, (५) टीनाथजी, (६) रागसार, (७) नापप्रशंसा, (८) ऋष्यविलास, (९) महाराज मानसिंह जी फी चंबली (१०) नाथ जी की घाणी, (१६) नाथन, १३) नाथमद्दिमा, (१३) नाथपुराय, (१४) नापता , (१५) रामविलास, () संयम ऋगार का