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मिश्रबंधु

मिश्रबंधु-विनोद सं० १९५० समय-संवत् १९५० नाम--(३४६३) अर्जुनलाल सेठी । ग्रंथ-महेंद्रकुमार-नाटक । आप जयपुरवासी खंडेलवाल जैन हिंदी के परम प्रेमी हैं। जैन- समाज में हिंदी की प्रतिष्ठा के लिये आपने बहुत कुछ उद्योग किया है। श्राजशल राजनीति में विशेष भाग लेते हैं, जिससे आपको कई बार कष्ट भी उठाने पड़े हैं। श्राप एक प्रसिद्ध देश-प्रेमी हैं । नाम-( ३४६४) ऋपिदेन अोझा। जन्म-काल-सं० १९२५ । रचना-काल-सं० १९५० । ग्रंथ-(१)लीता-स्वयंवर, (२) इश्क-झांजर, (३) रामचरित्र, (४) योगानंद-तरंगिणी, (५)ज्ञान-प्रभाकर, (६) मेघनाद-वध- नाटक, (७) बायल माता-नाटक विवरण-श्राप हुसेपुर ज़िला सारन-निदासी कान्यकुब्ज ब्राह्मण पं० कृष्णदेव अोझा के पुत्र हैं। नाम-(३४६५) कनकलता, दतिया। जन्म-काल-सं० १९२५ । ग्रंथ-(१) हित-चरित्र-तीर्थ-यात्रा, (२) वन-याना, (३) प्रजभूषणघन-चालीसी, (४) रसिक-विनोद, (५) पद । विवरण-राधावल्लभी। दतिया-नरेश महाराजा भवानीसिंहजी की खवासिन थीं। नाम-(३४६६) कामताप्रसाद गुरु, सागर । जन्म-काल-सं० १९३२ । ग्रंथ-भापा-वाक्य-पृथक्करण, हिंदी-व्याकरण । विवरण-अाजकल जबलपुर में निवास करते हैं । अच्छे व्याकरण- कार हैं।