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मिश्रबंधु

३६१ मिश्रबंधु-विनोद सं० १९६५ (७) आदर्श-जीवन, () विश्व-प्रपंच, (6) प्रवाहगामिनी माना, (१०) शशांक, (११) बुद्ध-चरित्र काव्य, (१२) तुलसी- दासजी की जीवनी तथा उनके ग्रंथों की आलोचना, (१३)जायसी की ससालोचना, (१४) हिंदी-साहित्य का इतिहास । विवरण-कवि एवं लेखक हैं। मिश्रबंधु नाम सुनते ही जामे बाहर हो जाते हैं। और बातों में उच्च कोटि के लेखक और समालोचक हैं। नाम-( ३६१६) विश्वंभरनाथ शर्मा 'कौशिक', कानपुर । जन्म-काल-लगभग सं० १९४५ । रचना-काल-सं० १९६५ । ग्रंथ-(1) चित्रशाला ( दो भाग), (२) मा (दो भाग)। विवरण --आप हिंदी-मनोरंजन' के संपादक रह चुके हैं। कहानी के अच्छे लेखक हैं । श्रापकी कहानियों से गार्हस्थ्य जीवन पर अच्छा प्रकारा पड़ा है। नाम--( ३६१७ ) शमानंद पाठक उपदेशक, खानपुर, औरैया, जिला इटावा। जन्म-काल-सं० १९३६ । कविता-काल---सं० १९६५ । ग्रंथ-(१) कुमार-कर्तव्य (दो संस्करण), (२) रामायण- शिक्षावली। विवरण- E-आप कान्यकुब्ज कुलोत्पन्न पं० मातादीन पाठक के पुत्र हैं। इनको धार्मिक कामों से विशेष प्रेम रहता है, और इनका बहुत- सा समय वैदिक धर्म-प्रचार, अनेक गुरुकुल तथा अनाथालयों के कार्यों में व्यतीत हुआ है। इनके सदृश इनके तीन लधु भ्राता-पाठक मादत्त, डॉक्टर कृष्णदत्त तथा पं० दयानिधिजी वकील-भी हिंदी-. लेखक और व्याख्याता हैं।