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मिश्रबंधु

३८० मिश्रबंधु-विनोद सं० १९७० नाम-( ३६४१) गोविंदवल्लभ पंत, रानीखेत, जिला अल्मोड़ा (हिमालय )। जन्म-काल-सं० १९५६ । कविता-काल-सं० १६७० । ग्रंथ-प्रकाशित- (१) भारती-कविता - गुच्छ (सं० १९७०-७५ तक की रचनाएँ), (२) लिली ( कहानी, १९७६), (३) कंजूस की खोपड़ी (प्रहसन, १९८०), (४) एक्शा नंबर वन (प्रहसन, १६८०), (५) एकादशी (कहानियाँ), (६) वरमाला (पौरा- णिक नाटक, १९८०)। श्रप्रकाशित- (१) बंदी-( इतिहास-सूलक उपन्यास ), (२) उदयोदय- (ऐतिहासक नाटक ), (३) अर्धा गिनी--(सामाजिक उपन्यास), (४) रलहार (प्रहसन)। विवरण---पंतजी ने अपनी उच्च शिक्षा हिंदू-विश्वविद्यालय, काशी में प्राप्त की। बचपन से ही ललित कलाओं की ओर आपकी रुचि थी। रंग-मंच तथा नाटक आपके प्रियतम विपय हैं। आपने साहित्य, संगीत तथा चिन्नकारी में भी अच्छा ज्ञान प्राप्त किया है नाटक तथा कहानियां लिखने के उपलक्ष में अापने स्वर्ण और रौप्य पदक भी प्राप्त किए हैं। आपके वरमाला नाटक की बड़ी धूम है । विषयों के चुनाव में आपने बहुत बड़े चातुर्य से काम किया है। नाटक तथा उपन्यासों के विषय आपके खूब बढ़िया हैं । प्रहसन की भी अच्छी पुट रखते हैं। पद्य-रचना भी भाव-पूर्ण । की है। वर्तमान समय के कवियों में आपका स्थान ऊँचा है। यदि राजनीति के कामों में बहुत व्यस्त न रहा करते, तो आप एक अमर कवि होते। ।