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मिश्रबंधु

सं. १९७६ उत्तर नूतन १०३ . उदाहरण- देश-सुधार, समाज-सुधार की बात करें चटकी-मटकी रंग नवीन सदा बदलें, दिखला कला वे महा नट की। खद्दर-चद्दर भेप दरिद्दर, देश की भक्ति भरें टकी; जाय जहन्नुम देश भले, रहें चंदहि पै अखियाँ अटकी ॥१॥ रूप जनाने बनाय करें; सरदाने-सी बात सदा टटकी; मेल-मिलाप की बात करें पर घात करें वे खटापट की। देखि निराले नए रंग-ढंग रहैं सबकी मतियां मटकी; रंग दुरंगे तजेंगे कवै, यह देखन को अखियाँ अटकी ।।२।। नाम-( ४२८७ ) गणेशदत्त शर्मा गौड़, उपनाम 'इंद्र। जन्म-काल-सं० १९११ । ग्रंथ--(१) वैदिक पताका, (२) स्वास्थ्योपदेश, (३) उप- देश-कुसुमांजलि, (६) गड़ा धन, (५) भीम-चरित्र, (६) रूप- सुंदरी, (७) हिंदी-गुजराती-कोप, (2) लवकुश-चरित्र, (6) कृपयापमान, (१०) वीर कर्ण (१३) पुजारीजी नरक में क्यों ?, (१२) महाराणा संग्रामसिंह, (१३) स्वम दोप, (१४) खादी का इतिहास, (१५) नागरी-पूजा, (१६) शुडू नामावली, (१७) अर्जुन, (१८) अभिमन्यु, (१६ ) दीर्घायु, (२०) वर्ण-वध, (२१) भीमसेन, (२२) भीम, (२३) द्रोणाचार्य, (२४) मदन-तनु-दहन, (२५) बाल-विवाह, (२६ ) इच्छित संतान । विवरण-आप आगर मालवा-निवासी, लब्ध-प्रतिष्ठ लेखक और सफल संपादक हैं। नाम--(४२८) गयाप्रसाद (श्रीहरि ) खैराबाद, जिला सीतापुर। जन्म-काल --सं० १९५१ ।