पृष्ठ:मेरी आत्मकहानी.djvu/१३५

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१३० मेरी आमकहानी छत्रप्रकाश-पहला संस्करण मैने संपादित किया। दूसरा संस्करण धाबू कृष्णवलदेव वर्मा के सहयोग में निकला। पृथ्वीराजरासो-पहले इसका संपादन पंडित मोहनलाल विष्णु- लाल पंख्या, वायू राधाकृष्णदास तया मेरे सहयोग में आरंम हुआ। फिर इन दोनों महाशया के स्वर्गवासी हो जाने पर मैं अकेले ही इसका संपादन करता रहा। मेरी सहायता के लिये कुंधर कन्हैया जू नियत किए गए। इन्होंने इस प्रय का सार हिंदीगर में लिखा था। इसकी भूमिका अब तक न लिखी जा सकी पर सन् १९११ की नागरी-मचारिणी पत्रिका में चंदबरदाई पर मेरा लेख छपा है जो एक प्रकार से भूमिका का काम दे सकता है। वनिताविनोद-राजा साहव मिनगा की इच्छा तया सहायता से यह संग्रह प्रस्तुत किया गया था। इसका संपादन मैंने किया था और इसके लिये एक लेख लिखा था। इंद्रावती भाग १-इसका दूसरा भाग अमी छपनेही को पड़ा है। इम्मीररासो-इसकी प्रति मुझे पंडित सूर्यनारायण दीक्षित से माप्त हुई थी। शकुंतला नाटक-राजा लक्ष्मणसिंह-लिखित अनुवाद का संपादन इस सस्करण में किया गया। यह पहने संस्करण के आधार पर किया गया है। इसे इंडियन प्रेस ने प्रकाशित किया और इलाहाबाद विश्वविद्यालय की इंट्रेस परीक्षा में यह कई वर्ष वक पाठ्य पुस्तक के रूप में चलवा रहा।