पाठ्य पुस्तकें!
मापा-पत्र लेखन
प्राचीन लेख-मणि-माला
इन तीनों पुस्तको पर पंडित महा-
हिंदी-पत्र लेखन
वीरप्रसाद द्विवेदी की विशेष कृपा हुई।
हिंदी प्राइमर
इनके छिद्रान्वेषरए किए और इनके प्रच-
हिंदी की पहली पुस्तक लित होने में बाधाएँ डाली।
हिंदी-ग्रामर
हिंदीसंग्रह
बालक-विनोद यह साक्टर एनीवेसेंट की लिखी एक पुस्तक का
अनुवाद है जिसे हिंदू कालेज कमेटी ने प्रकाशित
किया था।
इनमें दूसरी पुस्तक नागरी प्रचारिणी पत्रिका में छपी। शेष
इंडियन प्रेस और मेडिकल हाल प्रेस ने प्रकाशित की।
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आपत्तियों का पहाड़
अब कुछ मेरी कथा भी सुनिए। मैं पहले लिख चुका हूँ कि १८९९ के मार्च मास में मेरी नियुक्ति सेंट्रल हिंद स्कूल में हुई। पहले मैं साधारण अध्यापक था, फिर सेकेंड मास्टर हुआ और आगे चलकर असिस्टंट हेड मास्टर बनाया गया। प्रबंध का सब काम मेरे अधीन था। इसमें मुझे कठिनाइयाँ मेलनी पड़ती