पृष्ठ:मेरी आत्मकहानी.djvu/२३९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
२३०
मेरी आत्मकहानी
 

(२) अशोक की धर्मलिपियाँ―पहला खड (ना० प्र० सभा १९२३)। यह पुस्तक पंडित गौरीशंकर हीराचंद ओझा और पंडित द्रधर गुलेरी के साथ में तैयार हुई थी। पादु लिपि मैंने तैयार की थी, उसका सशोधन तथा टिप्पणियाँ इन दोनो महाशयो की लखी हैं।

(३) रानी केतकी की कहानी (ना० प्र० सभा १९२५)

(४) भारतेंदुनाटकावली (इडियन प्रेस १९२७)

(५) कबीरग्रंथावली (ना० प्र० सभा १९२८)

(६) राधाकृष्णग्रंथावली भाग १ (इडियन प्रेस १९३०)। इसका दूसरा भाग अब गगापुस्तकमाला मे छप रहा है।

(७) सतसई-सप्तक (हिंदुस्तानी अकाडमी १९३१)

(८) गोस्वामी तुलसीदास (हिंदुस्तानी अकाडमी १९३१)

(९) बालशब्दसागर (इंडियन प्रेस १९३५)

(१०) हिदीनिबंधमाला भाग १ और २ (ना० प्र० सभा १९२२)। इसकी कई आवृत्तियाँ छप चुकी हैं और लेखो मे उलट-फेर भी हुआ है।

(११) संक्षिप्त पद्मावत (इडियन प्रेस १९२७)

इन पुस्तको के अतिरिक स्कूलोपयोगी अनेक पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। इनके नाम ये हैं―

(१) नई हिंदी रोडर भाग ६ और ७ (मैकमिलन कंपनी १९२३),

(२) हिदीसग्रह भाग १ और २ (इडियन प्रेस १९२५),

(३) हिंदीकुसुमसंग्रह भाग १ और २ (इंडियन प्रेस १९२५),