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पृष्ठ:मेरी आत्मकहानी.djvu/४३

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मेरी आत्मकहानी
 

हैं उससे अधिक आपत्तियाँ इसके पूर्ण प्रचार की अवरोधक है।” बिहार में कैथी-अक्षरो के प्रचार मे जो कठिनाइयाँ पड़ी थी उनका वर्णन करके उन्होने कहा―“मेरा सिद्धांत यह है कि यद्यपि मै यह समझता हूँ कि हमारे सरकारी कागजो में नागरी-अक्षरो के विशेष प्रचार से लाभ होगा और समय भी इस परिवर्तन के पक्ष में है पर मैं ऐसा कोई आवश्यक या उचित कारण नहीं देखता कि क्यो हम लोग शीघ्रता करें अथवा क्यो न हम लोग विचारपूर्वक और उन लोगों के हित और भावो पर, जो इस परिवर्तन के विरोधी हैं, उचित ध्यान देकर इस कार्य को करें। मुसलमान लोग, जैसा कि आप लोग अनुमान करते हैं, इस परिवर्तन का विरोध करेंगे और अभी तक आप लोगो ने उन लोगों का विरोध दूर करने और उन्हे अपने पक्ष मे लाने के लिए कोई ऐसा कार्य नहीं किया है जिससे यदि वे आपके विचारों से सहमत न हो तो कम से कम वे आपस मे निपटारा तो कर लें। इसमे और उन बातो मे, जिनमे परस्पर विरोध है हम लोगो को दूरदर्शिचा पर ध्यान देकर यह देखना चाहिए कि कोई ऐसा बीच का उपाय हो सकता है या नहीं जिससे दोनों ओर का विरोध दूर हो जाय। इस अवसर पर इस विषय में अपनी नीति को प्रकाशित किये बिना अथवा किसी विशेष शैली के अनुसार कार्य करने की प्रतिज्ञा किये बिना मै यह कहना चाहता हूँ कि हम लोगो का संबंध तीन प्रकार के कागजो से है। एक तो वे कागज हैं जिन्हें प्रजा गवर्नमेंट की सेवा में उपस्थित करती है। दूसरे वे जिन्हें गवर्नमेंट प्रजा के लिये निकालती है और तीसरे वे जिनमे सरकारी