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मेरी आत्मकहानी
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them As mentioned in the last report, the standard works in the principal languages of India were also utilized But though this research work continued rapidly and though existing works in Sanskrit and other languages gave a large collection of useful words for different sciences, a greater number remained to be coined and that work was not easy.

इसके थोड़े दिनो पीछे प्रोफेसर गब्बर का संबंध बडौदा के कलाभवन से छूट गया और यह वैज्ञानिक शब्दचयन का कार्य अधूरा रह गया। फिर उसके पूरा करने का कोई उद्योग नहीं हुआ।

इसके अनंतर वगीय साहित्य-परिपद् ने इस काम को अपने हाथ में लिया और कई विज्ञानो के पारिभाषिक शब्दो का संग्रह परिपद्-पत्रिका में प्रकाशित हुआ। पर आपस मे मतभेद हो जाने तथा वगीय साहित्य-सभा नामक एक नई सस्था के स्थापित हो जाने से यह काम यहीं रुक गया।

तीसरा सगठित उद्योग काशी-नागरी-प्रचारिणी सभा ने सन् १८९८ मे आरंभ किया। उसने वैज्ञानिक शब्दो का एक कोष बनाने के लिये एक उपसमिति बनाई। इस समिति ने यह निश्चय किया कि आरंभ में भूगोल, गणित, ज्योतिष, अर्थशास्त्र, पदार्थ-विज्ञान, रसायन-शास्त्र तथा दर्शन के शब्दो का संग्रह वेबस्टर की डिक्शनरी से किया जाय। इस संग्रह के प्रस्तुत हो जाने और सातो विषयों के शब्दों की अलग अलग सूची लिखकर तैयार हो जाने पर प्रत्येक