"हादिक स्वागत" को अतिशय शक्तिपूर्ण झठी खबरें प्रकाशित करने के लिये अपने पक्षकी खबर देनेवाली संस्थाओंसे काम लिया गया था। पर सब जानते है कि "यहाँ भारतमें (जैसा कि बड़े लाटने एक दूसरे सम्बन्ध में उस दिन कहा था ) वास्तवमें क्या बात हुई ।”
हड़तालोंकी पूरी विजय
भारतीयों को प्रत्येक वस्ती और बाजारमें हड़तालकी पूरी
विजय हुई। जो ग्रामीग महालाजीके दर्शनार्थ आये थे, उन्होंने
राजकुमारके पासले जाकर जान समय 'महात्मा गांधीकी जय'
का घोष कर आपना निराशाका दुःखमार हलका किया।
सड़कोंपर फि'नेवारे, कुछ वालकोंने मुफ्त मोटर मिलनेके
लालचसे निश्चित स्थ ना आना कबूट किया, पर राजकुमारके
उस स्थानसे गुजरने के बहुत पहले हो वे वहाँले नो-दो-ग्यारह हो
गये। अधिकांश स्थलोंबर क लिन ओर स्कूटके विद्यार्थियों की
अनुपस्थिति स.फ प्रगट होतो था। एक बड़े नगरने ता उन्होंने
राजकुमार के जठबके रास्तेपर ही उनके आगमन के दिन विदेशी
कपड़ों की होली जलायी ।
हिन्दू विश्व विद्याल में उदासीन स्वागत
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने, आशा.
स्वरूप अपने विद्यार्थियो को ठ टासे दिखलाने के लिये एक
बड़ा मण्डप तैयार किया था। पर अन्त समयमें सुसजित