प्रश्न---यदि सत्याग्रही इस तरहके उपद्रवके समाचार देकर पुलिसकी सहायता करता है तो क्या वह सत्याग्रहके सिद्धान्तको तोड़ता है ? क्योंकि सत्याग्रहके सिद्धान्तका कदाचित पहला नियम यही है कि सरकारको उसके काममें किसी तरहकी
सहायता नहीं देनी चाहिये ?
उत्तर---सत्याग्रहके सिद्धान्तोंमें केवल यही लिखा है कि
पुलिस जिन तरीकोंसे काम लेती है और अनुसन्धान करती है
उनमें एक सच्चे सत्याग्रहीको किसी तरहसे हाथ नहीं बटाना
चाहिये। पर यदि वह सरकारकी या पुलिसकी सहायता इस
लिये करता है कि लोग ( सरकार और पुलिस भी) कानूनोकी
मर्यादा ठीक तरहसे पालेंगे तो उसकी कार्यवाही सत्याग्रहके
सिद्धान्तकी दृष्टिसे भी अनुचित और हेय नही है ।
प्रश्न---मान लीजिये कि इस तरहके उपद्रवों में किसीने
अतिशय भीषण अत्याचार किया और किसी सत्याग्रहीने ऐसा
करते उसे देख लिया, ऐसी दशामे एक सच्चे सत्याग्रहीका
क्या धर्म होना चाहिये ? उसे उचित है कि वह उसकी सूचना
सरकारी कर्मचारीको दे दे या नहीं ?
उत्तर---इसके पहले ही मैंने इस प्रश्नका उत्तर मिस्टर
गाइडरको दे दिया है और उसी उत्तरको मैं आपकी कमेटीके
सामने भी दोहरा देना चाहता हूं। मैं इस देशके नवयुवकोंको
बुरे मार्गपर ले जाकर पथभ्रष्ट नहीं करना चाहता। पर यह
कठिन है कि कोई भी नवयुवक अपने भाईके विरुद्ध गवाही दे।