मार्च १०, सन् १९२० के यंग इण्डिया में महात्मा गांधी ने अप -नाम मे निम्न लिखित लेख प्रकाशित किया है :-
छठी और तेरहवीं अप्रेल ने प्रत्येक भारतवासी के हृदयप दृढ आसन जमा लिया है। ये दोनों पवित्र तिथियां कभी भूली नही जा सकतीं। छठी अप्रेल को भारत में जागृति के बीज'रोपण हुए थे। सारे देश में एक नई स्फति पैदा हुई थी,न शक्ति का संचार हुआ था और १३ वीं अप्रेल को बेगुनाहों खनकी नदियां बहाई गई जिमसे पंजाब प्रान्त प्रत्येक भारत वासी के लिये पवित्र पुण्यक्षेत्र हो गया। छठी अप्रेल को सत्य प्रहका जन्म हुआ। सत्याग्रह के सविनय अवज्ञावाले अंश मतभेद हो सकता है पर इसपर किसी प्रकार का मतभेद न हो सकता कि सत्यवल,शान्ति और अहिसा का यह एक पविशस्त्र है। सत्य के साथ अहिसा को मिलाकर आप मंसारक प्रबलतम शक्ति का दमन कर सकते है। सत्याग्रह का मर्म नेतिक जीवन मे अर्थात् राष्ट्रीय जीवन मे मत्य ओर विनय समावेश करना है। अब चाहं कोई सत्याग्रह व्रत ग्रहण व या न करे पर इतना तो निश्चय है कि प्रत्येक व्यक्ति के हृदर सत्याग्रह ने अपना स्थान बना लिया है। पंजाब मे भ्रमण कर