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सत्याग्रह आंदोलन


तक वह कानूनकी पुस्तक पर है, हमारे अपमानका कारण है। इसलिये उसका न होना ही उचित है। इसलिये उसे यथा- शीघ्र रद्द कर देना चाहिये। यदि शामन सुधारों के पूर्व ही भारत सरकारने इसके रद्द करनेकी योजना कर दी तो यह भी उसकी सदिच्छाका एक ज्वलन्त प्रमाण समझा जायेगा ।

यह सप्ताहका सप्ताह (अर्थात् छठी अप्रेलसे लेकर तेरहवी तक) १३ वीं अप्रेलकी दुर्घटनासे संबन्ध रखने वाले किसी शुभ कार्यमें बिताना चाहिये। इसलिये हमारी राय है कि इस सप्ताहमें जलियांवाला बागके कोषके लिय चन्दा वसूल करना चाहिये। हमलोंगोको स्मरण रखना चाहिये कि इस निमित्त हमें १० लाख रुपये इकट्ठ करने है । प्रत्येक ग्राम या नगर अपनी सुविधाके अनुसार चन्दा संग्रह करनेकी व्यवस्था कर सकता है। पर प्रत्येक अवस्थामें इस बातका ध्यान रखना चाहिये कि कोई व्यक्ति धोखेबाजीसे इस द्रव्यका दुरुपयोग नहीं करता। चन्दा संगह करने का काम १२ अप्रेलकी शाम तक समाप्त हो जाना चाहिये ।

१३ वीं अप्रेलको उपवास व्रत करना चाहिये और प्रार्थना करना चाहिये । उस दिन हिंसा और द्वषके सभी भाव हृदयसे निकाल देना चाहिये। हमलोग उस दिन उन वेगुनहोंका स्मरण करेंगे जिन्होंने मातृभूमिको वेदी पर अपनी बलि चढ़ा दी है। हमलोग यह उत्सव पापियोंके पापाचार और जालिमोंके जुलमको स्मरण करनेके लिये नहीं मना रहे हैं। आत्मत्यागकी तरफ