वह इस बातपर पूर्ण विचार करके देख्ने कि यदि उसको जांच केवल तमाशा न होकर कुछ महत्व रखना चाहती है तो माव-श्यक है कि जनताको अपने अभियोगको उसके सामने रखनेको पूर्ण स्वच्छन्दता और सुविधा मिलनी चाहिये।
इस स्थानपर हण्टर कमेटी तथा सालमन कमेटोको जांच विधिको मुकाबिला करना स्थानान्तर या अनुपयुक्त न होगा। यह कमीशन प्रवासी भारत वासियोंकी अवस्थाकी जांच करनेके लिये दक्षिण अफ्रिकामें बैठाया गया था। जिस समय इस कमी-शनको बैठक प्राटोरिया में हो रही थी उस समय (नवम्बर १९१३) महात्मा गांधी, को० कालीनवाच तथा महात्मा पोलक जेलमें थे। सर विलियम सालमन बड़े ही निपुण जरीस्ट थे। उन्होंने देखा कि जांच आरम्भ करनेके पूर्व कुछ इतर प्रकारकी कार्रवाई की भी आवश्यकता है। मिदान कमीशनकी पहलीही बैठक में उन्होंने निम्न लिखित घोषणा कर दी :-हमारे पास बार बार इस बातके लिये प्रार्थना पत्र नहीं आना चाहिये कि यदि फरीकन पैरवीके लिये अपना वकील भी साथ लावें तो उन्हें और जांच-कमीशन दोनोंको बड़ी सुविधा होगी। यदि भारत सरकार इस कमीशनके सामने उपस्थित होकर गवाही देना चाहे तो उसे इस बातकी पूर्ण स्वाधीनता है। और जांचकमीशनको अपना काम पूर्ण सफलताके साथ निस्पादन करनेके लिये यह नितान्त आवश्यक है कि-जबकि इस समय भारतीयोंकी नेटालमें हड़ताल बन्द हो गयी है-महात्मा गांधी, की कालीनवाच तथा