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शोचनीय अवस्था


इनसे अभियुक्तपर काई दोष नहीं आरोपित होता। सफाईक गवाह सभी प्रतिष्ठित और माननीय व्यक्ति थे पर अदालतने उनपर एतबार नही किया। पंजाबकी अवस्थासे हम सब भली भांति परिचित हो गये हैं इसलिये विशेष आदलतोंकी इस तरहकी कारबाईपर हमे अचम्भित नहीं होना चाहिये। केवल यह देख कर विस्मय होता है कि जब पूरी तरहसे शान्ति हो गई तब भी इन निर्दोष अभियुक्तोंके मामिलोपर विचार निरपेक्ष नहीं हो रहा है। पंजाब सरकारकी भांति जो सरकार प्रजाकी स्वतन्त्रताको इतना हेठ समझती है वह सम्मान और प्रतिष्ठाके योग्य नहीं ।

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शोचनीय अवस्था

( मई २६, १९२० )

श्रीयुत रतनचन्द और बुग्गाकं घग्से हमें निम्न लिखित तार अभी मिला है:---

बुग्गा और रतनचन्दको कालापानीका दण्ड मिला है और वे लोग अन्दसन द्वाप भजे जा रहे हैं। बुग्गाको दस वर्ष आंत उतरने और बवासीरकी बीमारी है। उनका चीरा भी हो चुका है। रतनचन्दकी अवस्था ४० वर्षसे अधिक है, इसलिये जेल मैनुएल धारा ७२१ के अनुसार वे अन्दमन द्वीप नहीं भेजे जा सकते।