लाकी अदालत के समक्ष विचारार्थ अधिकाधिक मुकदमे उपस्थित किये जाने चाहिये। अन्य जिलों के मुकाबिले में इस जिले से बहुत कम अभियुक्त विचारार्थ भेजे गये हैं, इससे स्वभाषतः इस जिले के अफसरों पर दोष लगाया जा सकता है कि वे दोषियों-की खोज और मुकदमों के अनुसन्धान में मुस्तैदी और तत्परता नहीं दिखाते हैं। पर अब भी समय है। इस तरहके आक्षे- पोंको धो डालने के लिये अब भी कुछ किया जा सकता है। यदि हमारे सभी अधीनस्थ कर्मचारी इसके लिये जी जान से चेष्टा करें तो कोई कारण नहीं कि अमृतसर तथा लाहोर में, जिनके हाथ में जांचका काम रहा है उनके मुकाविले में इनके यश, मुस्तैदी तथा कार्यदक्षतामें किसी तरह का धब्बा लगे। पर यदि अभियुक्तों की संख्या इस जिले से इतनी ही रही तो सबकी कदर और प्रतिष्ठा उठ जायगी और सबके साथ वे भी हानि उठावेगे जिन्होंने इस प्रतिष्ठाके अनुरूप काम किया है।
पुलिस सुपरिण्टेण एट गुजरानवाला
कांग्रेस सबकमेटी के सामने अनेक गवाहों ने बयान किया
कि मार्शल लाके अन्तिम दिनों में इस जिले से दल के दल अभि-
युक्त पकड़ पकड़कर मार्शल लाके अदालत के सामने उपस्ति ।
किये जाते थे। अदालतकी कार्रवाई रात रात होती रही
और सफाई के गवाहों का बयान लिये बिना ही अफसर लोग
एकदम निर्दोषों को मनमा सजा देते थे। जिन लोगों के ऊपर