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पंजाबकी दुर्घटना


प्रकारका समन पाकर कोई व्यक्ति अदालतमें हाजिर नहीं होता तो फौरन उसकी गिरफ्तारी का वारण्ट जारी कर दिया जाता है।" संवाददाता के पत्र में इस तरह की अनेक बातें हैं जो उद्धृतकर देने के योग्य हैं। पर हमारी समझसे जितना हमने उधृत किया है उतने से संवाददाता के अभिप्राय को सहजमें ही समझ लिया जा सकता है। यहीं पर हमें इस अफसर के मार्शल लाके जमाने के कागजपत्रों के संबंध में कुछ लिख देना उचित होगा। इसके इजलास में अभियुक्तों का विचार दलके दलमें होता था और विचार को तमाशा दिखलाकर दण्ड सुना दिया जाता था। गवाहोंने वयान दिया है कि यह लोगों को गरोह में इकट्ठा करता था और झटी गवाहियां देने के लिये वाध्य करता था और त्रियोंका घंघट उठाकर उनके चेहरेपर थक देता था तथा उन्हें बुरी बरी गालियां देता था। इसने ही शेखपुगके निर्दोष वकीलोंपर मुकदमा चलवाया और उन्हें हर तरहसे तंग किया। भारतभक्त श्रीयुत अण्डरूज ने अनुसन्धान किया तो उन्हें भी इसी परिणाम पर पहुचना पड़ा कि इससे घृणित आचरण किसी भी अधिकारीका नहीं था। इसने शेखपुरा के निवासियों को एकत्रित किया, उन्हें हर तरहसे तंग किया, उनका अपमान किया और उन्हें 'सुअर लोग' 'गन्दो मक्त्री' आदिको गालियां दी। हण्टर कमेटीके सामने इसने जो गवाही दी है उसे पढ़कर साफ समझमें आ जाता है कि इसको सचकी कोई परषा नहीं है और यदि लीड. रफे संवाददाताका कहना ठीक है तो इस कर्मचारीका