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पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/४५५

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और प्रश्श्नोंका उत्तर

मात्राका निश्चय की गई ज्यादती तथा उसके प्रभावसे किया जाता है।

(६) विगत वर्षका मेरा अनुभव बतलाता है कि यद्यपि कहीं कहीं शान्ति भङ्ग अवश्य हुई पर सारा देश नियन्त्रण के भीतर था और सत्याग्रह का प्रयोग देशके लिये अतिशय लाभदायक हुआ। जहां कहीं हिंसा हुई, शान्ति भंग की गई, वहां स्थानीय ऐसे कारण थे जो हिंसा करने में सहायक हुए। साथ ही साथ मैं यह भी कहता हूँ की जनता को ओर से जो कुछ ज्यादतियाँ हुई अथवा अराजकता के जो लक्षण प्रजाने दिखाये, वे भी नियन्त्रण के अन्दर रह गये होते। जो गलत अनुमान मैंने उस समय किया था उसको समय समय पर मैंने स्वीकार किया है । पर जो कुछ भी दुःख दायी अनुभव मुझे उस समय हुआ उससे सत्याग्रह के ऊपर से मेरा विश्वास जरा भी कम नहीं हुआ और न तो भारत में उसके प्रयोग की संभावना पर ही किसी तरह का असर पड़ा। पहले जो भूलें हो गई हैं उनको न होने देने के लिये पर्याप्त प्रबन्ध किया जा रहा है। हिंसा को रोकने के लिये पर्याप्त प्रबन्ध करने पर भी यदि असंभावित घटनावश कहीं हिंसा हो जाय तो केवल उसके भयसे मैं सत्याग्रह के प्रचार को बन्द नहीं करना चाहता। मैं अपनी स्थिति स्पष्ट कर देना चाहता हूँ। सच्चा सत्याग्रही केवल सरकार की लाल लाल आँखें और विकृत चेहरे से डरकर कोई काम करने से बाज नहीं आ सकता। जबतक कि कोई व्यक्ति अपनी इच्छा से यातना सहने के निमित्त तैयार है और