पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/५१८

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खिलाफत की समस्या


गणनापत्र में कर दिया है और इस प्रकार बनावटी अङ्क तैयार किया है। आर्चिपेलेगो के जितने भी द्वीप तुर्को के हाथ में हैं उनकी अधिकांश प्रजा यूनानी है। पर इस समय तो उनमें विदेशियों की सेनायें अधिकार जमाये बैठी हैं। अनातोलिया की शासन व्यवस्था से उनका कोई सम्बन्ध नहीं है। अनातोलिया पूर्णत: तुर्को के हाथमें है। स्मि के सम्बन्ध में मिस्टर बेनिजलो का कहना है कि यह पूर्णतः यूनान का होना चाहिये । इसका माप ५३.७६८ कीलोमीटर है। इतने सारे प्रदेश में से केवल सन्दजक में यूनानियों का निवास है। वहां की आबादी ६, ३०,००० है उसमें १,३० ००० यूनानी हैं ऐदीन की. की आवादी ३,००,००० है उसमें १५,००० यूनानी है, सरो. हनकी आबादी ४.५०,००० उसमें ३३,००० थूनानी है, डेनिजली. की आबादी २,७०,००० है उसमे २६०० यनानी हैं; मण्टीचीकी आवादी १,६०००० है उसमें १०,५०० यूनानी हैं। हमारी समझमें इस संख्या के विषय में कुछ लिखना निरर्थक है।" लेकिन शिकायतों की यहीं समाप्ति नही हो गई है। उस पत्र मे जो कुछ लिखा है उससे स्पष्ट विदित है कि मित्र शक्तियां चन्द मुसलमान जातियों को तुर्की के जुएसे छुटकारा दिलाना चाहती हैं यद्यपि उन मुसलमान जातियों ने इस तरह की स्वतन्त्रता की कभी भी इच्छा नहीं प्रगट की है क्योंकि वे जिस राज्य की प्रजा हैं मुसलमान राज्य है और मुसलमान राज्य में प्रत्येक मुसलमान को समान अधिकार प्राप्त है चाहे वह अरब हो या तुर्क हो